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छोटे से ऑपरेशन से हो जाएंगे पतले : डॉ. राजेश

अगर आप मोटे हैं तो अब घबराने की जरुरत नहीं है। आमाश्य का ऑपरेशन कर आप पतले हो सकते हैं। मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। हमेशा कुछ न कुछ खाने की लत से वजन बढ़ता है। ये बातें शुक्रवार को एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया की बिहार शाखा के वार्षिक अधिवेशन में दिल्ली मैक्स के मेटाबॉलिक एंड बैरियाट्रिक सर्जन डॉ. राजेश खुल्लर ने कही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 02:13 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 02:13 AM (IST)
छोटे से ऑपरेशन से हो जाएंगे पतले : डॉ. राजेश
छोटे से ऑपरेशन से हो जाएंगे पतले : डॉ. राजेश

भागलपुर । अगर आप मोटे हैं तो अब घबराने की जरुरत नहीं है। आमाश्य का ऑपरेशन कर आप पतले हो सकते हैं। मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। हमेशा कुछ न कुछ खाने की लत से वजन बढ़ता है। ये बातें शुक्रवार को एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया की बिहार शाखा के वार्षिक अधिवेशन में दिल्ली मैक्स के मेटाबॉलिक एंड बैरियाट्रिक सर्जन डॉ. राजेश खुल्लर ने कही।

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उन्होंने कहा कि लेप्रोस्कोपिक विधि से आमाश्य का ऑपरेशन कर उसके साइज को 60 से 70 फीसद कम किया जाता है। इससे भोजन की मात्रा भी कम होती है। ज्यादा भोजन करने की इच्छा नहीं होती। ऑपरेशन के 10 दिनों बाद पांच किलोग्राम, 30 दिन बाद 10 किलोग्राम, छह माह बाद 15 किलोग्राम और एक वर्ष के बाद 25 से 30 किलोग्राम वजन कम होता है।

दवा का होता है साइड इफेक्ट

डॉ. खुल्लर ने कहा कि मोटापा कम करने के लिए दवा भी खा सकते हैं, लेकिन छह माह से ज्यादा दिनों तक दवा खाने से इसका साइड इफेक्ट खतरनाक होता है। मरीज तनाव में आ सकता है और खुदकशी करने की भी सोच सकता है।

मोटापा से कई रोग होते हैं

बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) के अनुसार वजन होनी चाहिए। इससे ज्यादा वजन होने पर मधुमेह, हार्ट अटैक, कैंसर और सांस की बीमारी होती है। वहीं, महिलाओं में ओवरी में सिस्ट, तनाव और किडनी रोग होता है। मैदा से बने खाद्य सामग्रियां नहीं खानी चाहिए। अगर बच्चों को आउटडोर गेम के प्रति और व्यायाम के प्रति जागरूक किया जाए तो कैलोरी खर्च होगी और वह भविष्य में मोटापा से बचेगा।

कार्बन डाइऑक्साइड की सूई दी जाती है

डॉ. खुल्लर ने बताया कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने के पहले पेट में कार्बन डायऑक्साइड की सूई दी जाती है। इससे पेट की दीवार छह सेंटीमीटर उपर उठ जाती है। पेट में छोटा छिद्र कर ऑपरेशन किया जाता है। मरीज दो-तीन दिनों में स्वस्थ हो जाता है।


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