आपको मालूम है बिहार में सक्रिय है धारीवाल गिरोह, चुटकी में उपलब्ध करा देते हैं शराब
बिहार में धारीवाल गिरोह पहुंचा रहा शराब की बड़ी खेप। कड़ी पुलिस चौकसी के बीच जीएसटी बिल और फर्जी वाहनों के जरिये भागलपुर बांका मुंगेर पूर्णिया कटिहार सहरसा खगडिय़ा सुपौल नवगछिया समेत अन्य जिलों में चल रहा शराब आपूर्ति का धंधा।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। सूबे में पूर्ण शराबबंदी को सौ फीसद प्रभावी बनाने में लगी पुलिस और आबकारी की टीम भले ही सौ जतन कर रही हो लेकिन उनकी सारी कवायद स्थानीय स्तर पर सक्रिय छोटे तस्करों के गिरेबां तक ही सीमित है। कतिपय कारणों से पुलिस भागलपुर, पूर्णिया, बांका, मुंगेर, नवगछिया, खगडिय़ा, सहरसा, सुपौल आदि जिलों में शराब की बड़ी-बड़ी खेपें पहुंचाने वाले शातिर तस्करों पर हाथ नहीं डाल पाई है।
पुलिस मुख्यालय की सख्ती के बाद बिहार के इन जिलों में शराब की आपूर्ति करने वाले धारीवाल गिरोह के सरगना सुरमुख सिंह धारीवाल, पुपिन्द्र सोनी और नीरज उर्फ बंटी की गिरफ्तारी तो पुलिस ने संभव कर दिखाया, लेकिन धारीवाल गिरोह की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उसके लिए उस गिरोह के एजेंटों द्वारा जगह-जगह पहुंचाई जाने वाली शराब आपूर्ति के नेटवर्क का सफाया करना आसान नहीं है। धारीवाल गिरोह के एजेंट पूर्णिया, भागलपुर, खगडिय़ा, बांका, मुंगेर, सहरसा आदि जगहों पर भारी मालवाहक वाहनों के जरिए शराब की खेप पहुंचा कर वापस हो रहे हैं। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पा रही है। इस बात की भी संभावना है कि इन स्थानीय शराब तस्करों से कुछ भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारियों साठगांठ हो।
कैंटर में चावल दर्शा कर भेजी जा रही शराब
धारीवाल गिरोह के एजेंट हरियाणा और पंजाब से शराब की बड़ी खेप पूर्णिया, भागलपुर, सहरसा, खगडिय़ा, बांका, मुंगेर आदि जिलों में भेज रहे हैं। एजेंट पुलिस की तकनीकी सर्विलांस से बचने के लिए भागलपुर और पूर्णिया के होटल और ढाबों में डेरा डाल वहीं से व्हाट्सएप कालिंग कर सारे आर्डर लेते हैं। संबंधित जिले के एजेंट से ओके का सिग्नल मिलते ही वह शराब से भरी कैंटर वहां रवाना कर देता है। मजे की बात यह है कि शराब की इस आपूर्ति में फर्जी जीएसटी बिल और वाहनों के फर्जी नंबर का इस्तेमाल किया जाता है। कैंटर में चावल दर्शाकर यह धंधा बदस्तूर जारी है।
पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध अमृत राज के निर्देश के बाद सघन छापेमारी में धारीवाल गिरोह के सरगना समेत तीन शातिर गिरफ्तार किए गए। उनमें सुरमुख सिंह धारीवाल, नीरज और पुपिन्द्र शामिल हैं। धारीवाल गिरोह ने राजधानी पटना, मसौढ़ी व मुजफ्फरपुर में सख्ती बढऩे के बाद पूर्व बिहार, कोसी व सीमांचल के भागलपुर, पूर्णिया, खगडिय़ा, सहरसा, बांका आदि जिलों में पैठ बना ली है। वर्ष 2020 में भागलपुर में दो ऐसे मामले पकड़ में आए जिनमें एसएसपी ने केस के जांचकर्ता को शराब आपूर्ति करने वाले एजेंट के मोबाइल में मिले नंबरों से सरगना तक पहुंचने का निर्देश दिया था।
लेकिन जांच फाइलों में ही दबी रह गई। बताया जा रहा है कि इस माह खगडिय़ा के एक स्थानीय तस्कर की धंधे में मुनाफे को लेकर एक पुलिस पदाधिकारी से नोकझोक भी हुई थी। उसमें उक्त पुलिस पदाधिकारी की ब्रेजा गाड़ी को खगडिय़ा के तस्कर ने एक दिन तक अपने इलाके में कब्जे में ले लिया था। वहां के एक कद्दावर नेता के हस्तक्षेप के बाद दोनों में सुलह होने की बात भी वहां चर्चा में है। उक्त नेता के संरक्षण में भी शराब की खेप आती है।
पांच ढाबे व तीन होटलों में डेरा डालते हैं एजेंट
शराब आपूर्ति के बड़े आर्डर के लिए धारीवाल गिरोह के एजेंट खगडिय़ा, बिहपुर, नवगछिया और भागलपुर के बाइपास स्थित ढाबे में डेरा डाल कर शराब की आपूर्ति के खेल का संचालन कर रहे हैं। पड़ताल में भागलपुर के तीन ऐसे होटलों के नाम सामने आ रहे हैं। उन्हें स्थानीय तस्करों ने सारी सुविधाएं मुहैया करा रखी हैं। बाहर के शराब आपूर्तिकर्ताओं में कैथल, जिंद, रोहतक, पिप्पली, भिवानी के एजेंट शामिल हैं।
भागलपुर की प्रवेश सीमा पर सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। शराब बरामदगी, भंडारण, खरीद-बिक्री करने वालों की गिरफ्तारी के लिए तीन एसडीपीओ लगाए गए हैं। जिला बल की एंटी लिकर स्क्वाड भी दबिश दे रही है। अभियान में अबतक पुलिस 10240. 025 लीटर शराब बरामद की जा चुकी है। - निताशा गुडिय़ा, एसएसपी, भागलपुर।