शारीरिक ताजगी और मानसिक एकाग्रता का माध्यम है योग
योग शिविर मे भारी संख्या में बच्चे, युवा एवं महिलाओं ने भाग लिया।
सुपौल। पतंजलि योगपीठ के तत्वावधान में आयोजित योग शिविर में पिपरा प्रखंड के निर्मली पंचायत के ज्ञानेन्द्र कुमार के आवास पर आयोजित योग शिविर मे भारी संख्या में बच्चे, युवा एवं महिलाओं ने भाग लिया। योग शिविर में पहुंचे गांव के लोगों ने बताया कि योग शिविर में भाग लेने से तन औऱ मन दोनों ही बहुत हल्का लग रहा है। योग प्रचारक ज्ञानेन्द्र कुमार ने बताया कि योग से शारीरिक और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। इससे लोगों को आंतरिक मन में झांकने तथा शारीरिक संरचना और विभिन्न अंगों को आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करने में बल मिलता है। वर्तमान में योग हमारी आवश्यकता बन चुकी है। इसके फायदे लोगों को आकर्षित करती है। योग के संचालन के लिए खास व्यवस्था भी करने की आवश्यकता नहीं है। योगाभ्यास छोटे स्थानों पर भी किया जा सकता है। बताया कि योग के विभिन्न आसनों से शरीर के अंदर के विभिन्न अंगों की क्रियाशीलता बढ़ती है। उनके द्वारा वांछित मात्रा में ही इंजाइम का उत्सर्जन होता है। जो शरीर को संतुलित रखने में उपयोगी होता है। योग जिमनास्टिक अथवा व्यायाम नहीं है जो शरीर के मांसपेशियों को उद्रीत कर गठीला बनाता है। बल्कि योग एक ऐसी विद्या है जो मनुष्य को एक ही अवस्था में घंटो बने रहने की क्षमता प्रदान करता है। जिससे शरीर के अंदर का विभिन्न अंग प्रभावित होता है। इसके साथ ही शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए विभिन्न क्रियाओं में संतुलन होता है। इससे तंत्रिका तंत्र से लेकर उत्सर्जन तंत्र तक प्रभावित होता है। जिसके लिए लोगों को महज विभिन्न आसनों का अभ्यास ही करना ही काफी है। विभिन्न आसनों के अभ्यास मात्र से शारीरिक ताजगी और मानसिक एकाग्रता प्राप्त होती है। जीवन शैली प्रभावित होती है। शांति के साथ ही परिवार और परिवेश में शालीनता आती है। अच्छे विचारों का संचरण होता है और समाज में खुशहाली मिलती है। योग शिविर वेद मंत्र से शुरुआत करके योगिक, जॉ¨गग, व्यायाम, सूर्य नमस्कार, दण्ड बैठक, आसन, प्राणायाम, ध्यान,सूक्ष्म व्यायाम करा कर लोगों को निरोग रहने के लिए बताया गया।