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विश्व यक्ष्मा दिवस : जिले में नहीं है एक भी टीबी अस्पताल, जांच की रफ्तार रही धीमी

विश्व यक्ष्मा दिवस कोरोना की वजह से पिछले वर्ष जांच की रफ्तार रही धीमी। विश्व यक्ष्मा दिवस पर आज स्वास्थ्य मरीजों से होगी सीधी संवाद। जिले में टीबी मरीजों के खोज के लिए जन-जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 11:57 AM (IST)
विश्व यक्ष्मा दिवस : जिले में नहीं है एक भी टीबी अस्पताल, जांच की रफ्तार रही धीमी
World Tuberculosis Day Not a single TB hospital in Bhagalpur district pace of investigation slows

जागरण संवाददाता, भागलपुर। 24 मार्च को पूरे विश्व में यक्ष्मा दिवस मनाया जाता है। जिले में भी यक्ष्मा (टीबी) बीमारी के लिए लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। मरीजों की जांच हो रही है, लेकिन जिले में बड़ी आबादी के इससे पीडि़त होने के कारण यहां अभी तक टीबी अस्पताल नहीं बन सका। आज भी यहां अस्पताल की दरकार है, जबकि 2025 तक टीबी उन्मूलन करने का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का लक्ष्य है। जिस रफ्तार से टीबी के मरीजों की खोज होनी चाहिए, वह नहीं हो पा रही है। टीबी मरीजों की खोज करने में अब तक विभाग सक्रिय नहीं है। चिकित्सक के मुताबिक एक लाख की आबादी में दो सौ ऐसे लोग हैं जो टीबी से पीडि़त हैं, जबकि नौ वर्षों में महज छह सौ के करीब मरीज ही स्वास्थ्य विभाग की डायरी में दर्ज हैं।

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मरीजों की खोज के लिए चलेगा अभियान

जिले में टीबी मरीजों के खोज के लिए जन-जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें संस्थाओं की भी भागीदारी होगी। प्रखंड से लेकर पंचायत तक अभियान चलेगा। इसके तहत टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीङ्क्षटग के माध्यम से जनप्रतिनिधि, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुख, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं, निक्षय पोषण योजना आदि विषय पर व्यापक जानकारी दी जाएगी।

मेडिकल अस्पताल में जांच की सुविधा

टीवी की जांच जिले में सिर्फ जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में होती है। 2020 में कोरोनाकाल में जेएलएनएमसीएच के इमरजेंसी को छोड़कर अन्य विभाग बंद हो गए थे। लेकिन, अस्पताल के एमडीआर विभाग में भर्ती मरीजों का इलाज प्रभावित ना हो इसके लिए सदर अस्पताल में टीबी केंद्र अप्रैल में खोला गया। दो माह बाद जून में टीबी केंद्र को बंद कर दिया गया।

पीडि़तों से होगा संवाद

मेडिकल अस्पताल बुधवार को टीबी बीमारी की रोकथाम के लिए जन-जागरण अभियान के तहत स्वस्थ हो चुके मरीजों से सीधा संवाद किया जाएगा। जेएलएनएमसीएच टीबी एंड चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि एक लाख की आबादी पर दो सौ लोगों को टीबी से ग्रस्त होने का औसतन आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि यहां टीबी मरीजों की जांच हो रही है। इस बीमारी के रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।


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