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World Environment Day: बरगद और पीपल से गुलजार होगा मंदार, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

World Environment Day मंदार में बरगद और पीपल का पौधा लगाया जाएगा। इससे पर्यावरण की सुरक्षा होगी। साथ ही पर्यटकों को भी यहां मनोरम दृश्‍य देखने को मिलेगा। मंदार वन क्षेत्र में जंगल लगाया जा रहा है। यह क्षेत्र प्रकृति के लिए बेहतर है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 10:24 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 10:24 AM (IST)
World Environment Day: बरगद और पीपल से गुलजार होगा मंदार, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मंदार क्षेत्र में बरगद, पीपल और बांस के पौधे लगाए जा रहे हैं।

संवाद सूत्र, बौंसी (बांका)। कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की महत्ता सभी को पता चल गया है। इस कारण अधिक लोग ज्यादा ऑक्सीजन देनेवाले पौधे लगाने लगे हैं। मंदार वन प्रक्षेत्र अंतर्गत वन विभाग ने भी इसको लेकर पहल किया है। इसके लिए बरगद, पीपल आदि पाइकस प्रजातियों को वनाच्छादित करने की जुगत में लगे हैं। रंगसार, राजदह पहाड़ियों में पिछले कई वर्षों से बन रहे जंगली हाथियों के अभ्यारण्य को विभिन्न संरचनाओं से सुसज्जित किया जाना काबिले तारीफ है। बरगद व पीपल का जंगल लगने से ठनका के डेंजर जोन बना बांका जिला क्षेत्र को भी त्राण मिल पाएगा। साथ ही पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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वन क्षेत्र के अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने कहा- मंदार वन क्षेत्र में बरगद, पीपल और बांस का जंगल लगाया जा रहा है। राज्य अंतर्गत पौधरोपण कार्यक्रम में पूर्व के वर्षों तक बांका जिला प्रथम स्थान पर रहा है। जबकि दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर और तीसरे स्थान पर मोतिहारी जिला हैं। जिला के 17 लाख पौधरोपण लक्ष्य में मंदार वन प्रक्षेत्र में सात लाख से अधिक प्लांट बरगद, पीपल, महुआ, मौलश्री, नीम, जामुन, आम, कटहल, बेर आदि के साथ फर्नीचर के शीशम, सागवान, महुगुनी, गुहार आदि के बीज पौधशाला में उगाए गए हैं।

गोकुला निवासी रामनारायण शर्मा ने बताया कि धार्मिक महत्व के लिए पीपल और बरगद को शिव का वास और अक्षय वट के रूप में माना जाता है। वहीं, जड़ी बूटियों के काम आने वाले पीलिया, रतौंधी, मलेरिया, खांसी, दम्मा, सर्दी, सिरदर्द आदि में पीपल के टहनियों का प्रयोग लाभकारी होता है। मंदार पर्वत पर जड़ी बूटियों में संजीवनी बूटी की भंडार देखी गई है।

हाथियों के पानी पीने की व्यवस्था के लिए सौ से अधिक बने चेकडैम

उड़ीसा , बंगाल और झारखंड में उत्पात मचाने वाले जंगली हाथियों का समूह जब पानी के अभाव में बिहार राज्य के मंदार क्षेत्र की ओर आगमन होता है। ऐसे में प्रतिवर्ष दर्जनों घरों को ध्वस्त कर देता है। इस स्थिति को भी नियंत्रित करने के लिए रंगसार पहाड़ के जंगलों में हाथियों के अभ्यारण्य के लिए सौ से अधिक कच्ची-पक्की मिट्टी और पत्थर बोल्डर के चेक डैम बनाए गए हैं। बांस के भी जंगल लगे हैं। इस महती कार्य को बढ़ावा देने के लिए लघु सिंचाई विभाग ने सर्वेक्षण भी किया है। बौंसी प्रखंड के साथ बांका जिला का क्षेत्र ठनका के डेंजर जोन हैं। राई के एक चौथाई भाग से भी छोटा पीपल, बरगद के बीज से ऊर्जावान अभिप्सा में विशालकाय वृक्ष वन विश्व मानव सुरक्षा के लिए है।


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