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मेहमान पक्षियों का अध्ययन करेगी यह संस्था, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दी हरी झंडी Jamui news

मुंबई की प्रतिष्ठित संस्था बीएनएचएस के पक्षी विशेषज्ञ नागी नकटी में बीआरएस के विशेषज्ञ जमुई में प्रवासी पक्षियों तथा लाईवे का अध्ययन करेंगे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 02:54 PM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 02:54 PM (IST)
मेहमान पक्षियों का अध्ययन करेगी यह संस्था, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दी हरी झंडी Jamui news
मेहमान पक्षियों का अध्ययन करेगी यह संस्था, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दी हरी झंडी Jamui news

भागलपुर [अरविन्द कुमार सिंह]। विदेशी पक्षियों के अध्ययन कर उनकी आयु व उनके विचरण क्षेत्रों आदि के बारे में उपयोगी जानकारियां प्राप्त करने के प्रति केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय गंभीर है। इस कड़ी में मंत्रालय ने जमुई के झाझा स्थित नागी-नकटी डैम स्थित पक्षी आश्रयणी पर बर्ड रिगिंग स्टेशन खोलने को हरी झंडी दे दी है। बीआरएस स्थापित करने की जिम्मेवारी फ्लाइवे अध्ययन के क्षेत्र में काम कर रही मुंबई स्थित देश की प्रतिष्ठित संस्था बंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) को दी गई है। इस दौरान मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के विशेषज्ञों द्वारा सेंट्रल एशियन लाईवे का अध्ययन किए जाने के साथ-साथ युवकों एवं वन कर्मियों को बर्ड रिगिंग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके पहले बीएनएचएस तमिलनाडु स्थित प्वाइंट कैलिमा, उड़ीसा स्थित चींका-लिंका तथा राजस्थान के भरतपुर में बीआरएस पर काम कर रही है। जमुई का नागी-नकटी बीएनएचएस के लिए चौथा बीआरएस प्वाइंट होगा। इधर जाड़े का मौसम प्रारंभ होते ही झाझा स्थित नागी-नकटी डैम के अलावा चकाई के अजय डैम में विदेशी सैलानी पक्षियों का आगमन शुरू कहो गया है। ठंड समाप्त होने से कुछ समय पूर्व वे फरवरी में यहां से अन्य स्थान के लिए प्रस्थान कर जाते हैं।

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क्या है बर्ड रिंगिंग स्टेशन

बर्ड रिंगिंग स्टेशन पर पक्षियों को पकड़ कर उनके पांव में एल्यूमीनियम या प्लास्टिक निर्मित एक विशेष प्रकार का छल्ला (रिंग) पहना कर उन्हें छोड़ दिया जाता है। उसके माध्यम से उनकी आयु, उनके प्रवास करने वाले स्थानों व तौर-तरीकों का अध्ययन किया जाता है। अध्ययन के पश्चात विदेशी पक्षियों को अनुकूल सुविधाएं उपलब्ध कराने की कवायद की जाती है। उन्हें पकडऩे के दौरान उनके पांव में पूर्व से लगे छल्ले के अध्ययन से भी उस चिडिय़ा के बारे कई नई व उपयोगी जानकारियां प्राप्त होती हैं।

विश्व में हैं नौ लाईवे

विश्व के नौ लाईवे में एक सेंट्रल एशियन लाईवे है जिसका अध्ययन किया जाना है। अत्यधिक ठंड बढऩे के उपरांत रसिया व यूरोपीय देशों से 24 प्रकार के पक्षी हिंदूस्‍तान खासकर बिहार के विभिन्न क्षेत्रों का रुख करते हैं। यहां वे प्रवासी पक्षी जाड़े के साथ ढाई तीन महीने तक प्रवास करते हैं। उनके प्रवास के तौर-तरीकों के अध्ययन के लिए बर्ड रिंगिंग स्टेशन की स्वीकृति केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से मिली है। - नीता साह, मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, मुंबई।

मुंबई की प्रतिष्ठित संस्था बीएनएचएस के पक्षी विशेषज्ञ नागी नकटी में बीआरएस के विशेषज्ञ प्रवासी पक्षियों तथा लाईवे का अध्ययन करेंगे। वे इच्छुक युवकों एवं वन कर्मियों को बर्ड रिगिंग के संबंध में प्रशिक्षण भी देंगे। - सत्यजीत कुमार, वन प्रमंडल पदाधिकारी, जमुई।

मुख्य बातें

- जमुई में खुलेगा पर्यटक पक्षियों का विश्व स्तरीय अध्ययन केंद्र

- मेहमान पक्षियों का अध्ययन करेगी मुंबई की प्रसिद्ध संस्था बीएनएचएस

- अध्ययन को ले नागी-नकटी में सेटअप होगा बर्ड रिंगिंग स्टेशन

- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दी हरी झंडी

- विशेषज्ञ करेंगे सेंट्रल एशियन लाईवे का अध्ययन

- सोसाइटी का होगा यह चौथा बीआरएस

- इच्छुक युवाओं एवं वन कर्मियों को किया जाएगा प्रशिक्षित


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