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world AIDS Day : सहरसा में पांच सालों में 319 नए मरीज मिले, सबसे अधिक इस उम्र के लोग हो रहे संक्रमित

world AIDS Day सहरसा में विगत पांच साल के आंकड़े को अगर देखते हैं तो वर्ष 2016 से 2020 तक में 24836 लोगों की जांच की गई। जिसमें 319 व्यक्ति व नौ बच्चे एचआइवी संक्रमित पाए गए।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 10:30 AM (IST)
world AIDS Day : सहरसा में पांच सालों में 319 नए मरीज मिले, सबसे अधिक इस उम्र के लोग हो रहे संक्रमित
सहरसा में पिछले पांच सालों में 319 व्यक्ति व नौ बच्चे एचआइवी संक्रमित पाए गए।

सुपौल, जेएनएन। जिले में एड्स मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। जिले में वर्ष 2003 में ही समेकित परामर्श एवं जांच केंद्र की स्थापना की गई थी। वर्ष 2005 में इसकी जांच की सुविधा सदर अस्पताल में उपलब्ध हुई। शुरुआती दौर में संख्या बहुत ही कम थी। लेकिन धीरे-धीरे इसमें भी इजाफा होता चला गया। विगत पांच साल के आंकड़े को अगर देखते हैं तो वर्ष 2016 से 2020 तक में 24,836 लोगों की जांच की गई। जिसमें 319 व्यक्ति व नौ बच्चे एचआइवी संक्रमित पाए गए।

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319 में 180 पुरुष एवं 139 महिलाएं हैं। यदि संक्रमण की बात करें तो सुपौल जिला में दिन प्रतिदिन द्रुतगति स्रकमण बढ़ता जा रहा है। जिसका मुख्य कारण प्रवासी मजदूर जिनकी औसत उम्र 25-35 वर्ष है। पुरुष की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा संक्रमण है। माता-पिता के द्वारा संक्रमित नौ बच्चे भी ए. आर.टी दवा का सेवन कर रहे हैं। जिसको विभाग द्वारा प्रयास कर परवरिश योजना का लाभ दिलवाया जा रहा है। संक्रमित माता-पिता के आश्रित नाबालिग 119 बच्चों को परवरिश का समाज कल्याण से लाभ दिया जा रहा है।

एआरटी, आइसीटीसी, पीपीटीसी, स्टडी विभाग जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी सह संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. मेजर शशि भूषण प्रसाद के निर्देशन में चल रहा है। उन्होंने बताया कि नाको के लक्ष्य के अनुसार 2030 तक भारत को एचआइवी मुक्त करना है। जिसके तहत मुख्य रूप से गर्भवती महिला एवं जोखिम पूर्ण व्यवहार वालों की जांच सुनिश्चित की गई है। जिस कारण जिला के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एवं सभी प्रतिरक्षण स्थल पर गर्भवती का एचआइवी जांच सुनिश्चित किया गया है। आइसीटीसी में तीन कर्मी हैं। रश्मि कुमारी महिला परामर्शी, कुमार चंदन प्रयोगशाला एलटी, बंधुनाथ झा डीआईएस कार्यरत हैं। ए.आर.टी सेंटर सदर अस्पताल सुपौल में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में डॉ. महेंद्र नारायण यादव परामर्शी, डॉ. प्रेम कुमार झा एवं देवनानंद गुप्ता एलटी के रूप में कार्यरत हैं।

एआरटी सेंटर का आज उद्घाटन करेंगे स्वास्थ्य मंत्री

विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सोमवार को सदर अस्पताल में ए. आर.टी सेंटर का उद्घाटन बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय करेंगे। कोसी कमिश्नरी के एचआइवी पी.एलआआईवी संक्रमित के सुविधा हेतु सपौल जिला को चयनित कर पूर्व से अधिष्ठाापित ङ्क्षलक में परिणत किया जा रहा है। इस संस्थान में एचआईवी संक्रमित का अत्याधुनिक सभी सुविधा उपलब्ध होगा। जैसे सभी कोटि के रोगियों हेतु एआरटी सीडीपी फोर टेस्ट नवजात के लिए डीबीएस रोगियों हेतु दवा उपलब्ध होगा। सन 2005 से आइसीटीसी के तहत एचआईवी जांच की संपूर्ण व्यवस्था एवं नवजात हेतु ईआइडी सदर अस्पताल में संक्रमित गर्भवती का सुरक्षित प्रसव किया जाता है। परन्तु ङ्क्षलक ए. आर.टी 2012 में सदर अस्पताल में अधिष्ठापित की गई जिसमें सभी रोगियों हेतु एआरटी दवा उपलब्ध है।

क्या है एचआईवी

एचआइवी एक वायसरस है जो शरीर में रोगों से लडऩे की शक्ति को कमजोर कर देता है। इसके कारण व्यक्ति कई रोगों से घिर जाता है। यही अवस्था एड्स है।

एचआईवी कैसे फैलता है

एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने, संक्रमित रक्त व रक्त पदार्थ चढ़ाए जाने, संक्रमित सूई और सिरिंज के इस्तेमाल तथा एचआईवी संक्रमित माता से गर्भ या प्रसव के दौरान उसके शिशु को।


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