बालिका शिक्षा के लिए मजदूर ने उठाया यह कदम, दान में दे दी लाखों की जमीन Jamui news
समाज की लड़कियों की शिक्षा के लिए महादान कर मजदूर रामदेव लोगों के दिलों में बस गए। उन्होंने लाखों की पैतृक संपत्ति विद्यालय निर्माण के लिए दान कर दी।
जमुई [अरविंद कुमार सिंह]। 'सरिता देती वारि कि पाकर उसे सुपूरित वन हो, बरसे मेघ, भरे फिर सरिता, उदित नया जीवन हो।' कुछ इसी तरह, समाज की लड़कियों की शिक्षा के लिए महादान कर मजदूर रामदेव लोगों के दिलों में बस गए। उन्होंने लाखों की पैतृक संपत्ति विद्यालय निर्माण के लिए दान कर दी।
बात झाझा प्रखंड के तेलियाडीह गांव की हो रही है। गांव की लड़कियां सिर्फ पांचवीं तक की शिक्षा प्राप्त कर पाती थीं, क्योंकि गांव में सिर्फ प्राथमिक विद्यालय था। लड़के तो जैसे-तैसे पड़ोस के गांव में जाकर पढ़ लेते थे, लेकिन लड़कियां आगे नहीं पढ़ पाती थीं। इसी बीच 2009 में प्राथमिक विद्यालयों को उत्क्रमित करने की योजना आई। प्राथमिक विद्यालय, तेलियाडीह को उत्क्रमित करने में जमीन की अनुपलब्धता बाधक बन रही थी।
विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाध्यापक हरि रविदास ने रामदेव को विद्यालय के लिए जमीन दान करने की प्रेरणा दी। रामदेव रविदास झाझा के गणेश लाल की बीड़ी फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। उन्होंने पांच कट्ठा पैतृक जमीन विद्यालय को दान कर दी। रामदेव की चाहत है कि विद्यालय में अब मैट्रिक तक की पढ़ाई की व्यवस्था हो। अभी यहां आठवीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था है।
ग्रामीण इंद्रदेव रविदास, दीपक रविदास, महादेव रविदास, विजय केसरी, काशी मिस्त्री, कुलदीप यादव, योगेंद्र तूरी आदि ने बताया कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय का संचालन जैसे-तैसे एक सामुदायिक भवन में किया जा रहा था। जमीन दान देकर रामदेव सबके लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए। आज के समय में उक्त जमीन की कीमत 20 लाख रुपये से ऊपर है।
रामदेव रविदास ने समाज के लिए आदर्श प्रस्तुत किया है। शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे ही दानवीर लोगों के कारण भूमि की समस्याओं का समाधान हो पाता है। - विजय कुमार हिमांशु, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जमुई।