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'लेडी सिंघम' ने एक बार फिर उठाया बड़ा कदम, भागलपुर में महिलाओं के लिए तैयार होगी स्पेशल फोर्स

अब जिले में महिलाओं से जुड़े अपराध को नियंत्रित करने के लिए एसएसपी ने नई योजना बनाई है। इसके लिए एसएसपी ने दो सब-इंस्पेक्टर का चयन किया है। गाजियाबाद में बैठे मास्टर ट्रेनर मानव तस्करी समेत महिलाओं से जुड़े अपराध पर लगाम लगाने के गुर बताएंगे।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 08:52 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 08:52 AM (IST)
'लेडी सिंघम' ने एक बार फिर उठाया बड़ा कदम, भागलपुर में महिलाओं के लिए तैयार होगी स्पेशल फोर्स
Mahasheta Sinha AND Kumari Nita. महिलाओं से जुड़े अपराधों की तफ्तीश करेंगी।

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। महिलाओं से जुड़े अपराधों की तफ्तीश और उसकी विवेचना में महिला पुलिसकर्मियों को निपुण बनाने को पुलिस मुख्यालय ने बड़ा कदम उठाया है। पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल के निर्देश पर अब महिला पुलिसकर्मियों को मानव तस्करी और महिलाओं से जुड़े अपराध की तफ्तीश, त्वरित पर्दाफाश और उसपर लगाम लगाने को सधा प्रशिक्षण मिलेगा। भागलपुर में तैनात लेडी सिंघम ने इस बाबत बेहतरीन कदम उठाया है।

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भागलपुर की एसएसपी निताशा गुड़िया ने इसके लिए चरणबद्ध प्रशिक्षण कार्यक्रम की पहल करते हुए पहले चरण में दो सब-इंस्पेक्टर को नामित भी कर दिया। नाथनगर थाने में तैनात महाश्वेता सिन्हा और कोलवाली थाने में तैनात कुमारी नीता को मौका दिया है। यह प्रशिक्षण अब चरणबद्ध तरीके से अन्य महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षित होने तक जारी रहेगा। 28 जून 2021 से दो जुलाई 2021 तक चलने वाले विशेष ऑनलाइन प्रशिक्षण का लाभ लेकर दोनों सब-इंस्पेक्टर महिलाओं से जुड़े अपराधों के उदभेदन में कारगर भूमिका निभाएंगी। अन्य महिला पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण में मिले लाभ शेयर कर उनके प्रशिक्षण की बारी आने से पूर्व उन्हें भी माहिर बनाएंगी।

गाजियाबाद सेंटर में बैठे मास्टर ट्रेनर देंगे वर्चुअल टिप्स

गाजियाबाद में मौजूद प्रशिक्षण संस्थान में बैठे मास्टर ट्रेनर वर्चुअल क्लास लेते हुए महिलाओं से जुड़े अपराधों के तफ्तीश के तरीके, विवेचना के गुर और त्वरित उदभेदन के टिप्स देंगे। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए वर्चुअल ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है।

शारीरिक शोषण से लेकर बंधुआ मजदूरी तक के लिए की जाती मानव तस्करी

संगीन संगठित अपराध की श्रेणी में आने वाली मानव तस्करी के काले धंधे की छोर ढूंढने में पुलिसकर्मियों को सधा प्रशिक्षण नहीं मिलने की वजह से तमाम परेशानियां झेलनी पड़ती है। शारीरिक शोषण, देह व्यापार, ड्रग्स पैडलिंग, बाल मजदूरी, आतंकी गतिविधियों से लेकर बंधुआ मजदूरी तक के लिए मानव तस्करी किया जाता है। जिसकी रोकथाम के अबतक के प्रयास प्रभावी साबित नहीं हुए।

कठोर सजा का है प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 370 मानव तस्करी को परिभाषित करता है। मानव तस्करी के अपराध में दोषी पाए गए व्यक्ति को दस साल की कठोर कारावास की सजा का प्रावधान है। वरीय अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा कहते हैं कि यह सजा उम्रकैद तक बढ़ाई जा सकती है। यही नहीं अर्थदण्ड का भी प्रावधान है।

दर्जनों मामले दर्ज, रेल थाना अव्वल

मानव तस्करी और महिलाओं से जुड़े अपराध के दर्जनों मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं। इनमें मानव तस्करी के अपराध से जुड़े मामले रेल थाने में दर्ज किए गए हैं।


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