'मौत' के बाद भी भटक रही जिंदगी, आप भी जानें... सरकारी फाइलों में लापरवाही की दास्तान
सुपौल में यह 75 वर्षीया वृद्धा पिछले छह वर्षों से कार्यालय दर कार्यालय भटककर गुहार लगा रही हैं कि कोई उन्हें जीवित कर दे। अड़हुल देवी के पति जगन्नाथ झा की मृत्यु पहले हो गई है।
सुपौल [रौशन झा]। मौत के छह वर्षों बाद भी एक महिला अपने हक के लिए सरकारी कार्यालयों में भटक रही हैं। यह कोई भूतिया कहानी नहीं, सरकारी फाइलों में लापरवाही की दास्तान है। छातापुर प्रखंड की लक्ष्मिनियां पंचायत के वार्ड संख्या 10 की निवासी अड़हु्रल देवी को फाइलों में मृत घोषित कर दिया गया है। इस कारण पेंशन समेत अन्य योजनाओं के लाभ से वे वंचित हैं।
यह 75 वर्षीया वृद्धा पिछले छह वर्षों से कार्यालय दर कार्यालय भटककर गुहार लगा रही हैं कि कोई उन्हें जीवित कर दे। अड़हुल देवी के पति जगन्नाथ झा की मृत्यु कई वर्ष पहले हो गई थी। अंत्योदय योजना के तहत 2004 में उनका राशन कार्ड बनाया गया। जब से सरकारी राशन दुकानों में पॉश मशीन लगाई गई, तब से उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय पीडीएस विक्रेता के अनुसार उन्हें फाइलों में मृत घोषित कर दिया गया। इस कारण उन्हें पिछले छह वर्षों से वृद्धा पेंशन भी नहीं मिल पा रही है। वृद्धा के पोते विनय कुमार झा बताते हैं कि सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटकर वे परेशान हो गए हैं। कार्यालय जाने पर उनकी दादी को मृत बता दिया जाता है। वह आक्रोशित हैं कि बिना जांच-पड़ताल के कर्मी ऐसा कैसे कर सकते हैं। वे बताते हैं कि अड़हुल देवी लगातार सभी चुनावों में मतदान करती आ रही हैं। उनका आधार कार्ड बना हुआ है। बैंक खाता खुला हुआ है। पहचान पत्र भी है।
ऐसी जानकारी नहीं मिली है। यदि ऐसी समस्या है तो वृद्ध महिला स्वजन के साथ आकर मिले। उनकी समस्या का अविलंब समाधान किया जाएगा। - अजीत कुमार सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी, छातापुर