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बिहार में पत्‍नी ने दी पति को मुखाग्‍न‍ि, खगड़‍िया के शख्‍स ने मरने से पहले लिया था वचन

आज के समय में भी पति और पत्‍नी के बीच मर्यादा वचन और एक- दूसरे के प्रति सम्‍मान का भाव देखा जाता है। पत्‍नी ने अपने पति को दिए वचन को निभाया। अपने पति के निधन के बाद पत्‍नी ने ही उनका दाहसंस्‍कार किया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 05:09 PM (IST)
बिहार में पत्‍नी ने दी पति को मुखाग्‍न‍ि, खगड़‍िया के शख्‍स ने मरने से पहले लिया था वचन
खगडि़या के अगुवानी घाट पर पति का दाह संस्‍कार करतीं उनकी पत्‍नी।

खगड़िया [उपेंद्र]। बिहार में एक पत्‍नी ने खुद ही अपने पति को मुखाग्नि दी। बताा जा रहा है पति ने पहले ही अपनी पत्‍नी से वचन ले लिया था कि उनके मरने के बाद उनकी पत्‍नी ही उनका दाह संस्‍कार करेगी। पत्‍नी ने भी वचन की लाज रखी और पति की शवयात्रा में शामिल होकर उनका दाह संस्‍कार किया। साथ ही मुखाग्नि दी। यह घटना ख‍गडि़या जिले के परबत्‍ता इलाके की है।

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एक ओर जहां 21वीं सदी में भी महिलाओं का श्मशान घाट जाना वर्जित है। सामाजिक निषेध है। उसमें पत्नी तो नहीं ही श्मशान घाट जाती है। दूसरी ओर, खगड़िया जिले के सियादतपुर अगुवानी पंचायत स्थित खनुआ राका गांव में एक पत्नी ने सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ते हुए अपने पति को मुखाग्नि दी। इस तरह से शुक्रवार को अगुवानी गंगा घाट किनारे नारीशक्ति का परचम लहराया।

खनुआ राका के लोगों ने बताया कि कृष्णानंद मिश्र काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। स्वजन इलाज के लिए उन्हें पटना ले गए। परंतु, स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ। जिसके बाद उन्हें पैतृक गांव खनुआ राका लाया गया। जहां गुरुवार को उनका निधन हो गया। शुक्रवार को पत्नी मीना देवी ने कृष्णानंद मिश्र को मुखाग्नि दी। अगुवानी गंगा घाट पर दाह-संस्कार हुआ। जिसमें कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए 18 लोग शामिल हुए। कृष्णानंद मिश्र के निकटतम स्वजनों ने बताया कि उन्हें संतान नहीं था और उन्होंने मृत्यु से पूर्व अंतिम संस्कार पत्नी के हाथों कराए जाने की इच्छा जताई थी। जिसका सम्मान किया गया। सियादतपुर अगुवानी पंचायत के मुखिया पिंटू कुमार ने कहा कि, समय बदला है। समाज भी बदल रहा है।

मीना देवी ने पति को मुखाग्नि देकर प्रगतिशील जीवन मूल्य की स्थापना की है। जबकि पंचायत समिति सदस्य रोहित कुमार सिंह उर्फ चमन सिंह, खनुआ राका के अधिवक्ता प्रभाकर झा आदि ने कहा कि मीना देवी ने इतिहास रचा है। उनके जज्बे को सलाम।

गरुड़ पुराण में स्पष्ट कहा गया है कि पुरुष यदि नि:संतान हो और उनकी पत्नी कर्म करने योग्य हो, तो वह मुखाग्नि दे सकती है। इससे स्वर्ग सिद्धि होती है। - पंडित मिथिलेश झा, तेमथा राका।


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