आखिर 32 साल पहले अपहरण मामले में जाप सुप्रीमो को क्यों नहीं पकड़ पा रही थी पुलिस, कैसे बचते रहे पप्पू यादव, जानिए
32 साल पहले पूर्व सांसद पप्पू यादव पर अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पुलिस ने गिरफ्तारी को जाल बिछाया था। लेकिन वे बचते रहे। लगातार दौरा और आंदोलन करने के बावजूद भी वे पकड़ में नहीं आ रहे थे।
जागरण संवाददाता, मधेपुरा। विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान भी पुलिस ने पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी की कोशिश की थी। चुनाव के लिए हो रहे नामांकन के दौरान गिरफ्तारी का जाल बिछाया गया था। लेकिन पप्पू यादव ने ऑनलाइन नामांकन कर सबको चकमा दिया था। जिस मामले में पटना में पूर्व सांसद की गिरफ्तारी हुई है, वह 32 साल पहले का है। कुमारखंड थाना में वर्ष 1989 में अपरहण मामले को लेकर पप्पू यादव पर केस दर्ज हुआ था। इस मामले में सवा साल पहले कोर्ट ने वारंट जारी किया था। गिरफ्तारी नहीं होने पर कोर्ट ने 22 मार्च को कुर्की जब्ती का आदेश निर्गत किया था।
यह है मामला
32 साल पहले 1989 जिले के मुरलीगंज थाना में पप्पू यादव सहित चार लोगों पर अपरहण का एक केस दर्ज हुआ था। उनपर राम कुमार यादव के अपहरण का आरोप लगा था। इसी मामले में तारीख पर नहीं पहुंचने के कारण उनपर वारंट जारी किया गया था। कोर्ट ने पिछले 10 फरवरी 2020 को ही पप्पू यादव को गिरफ्तार करने का वारंट जारी कर दिया था।
खुलेआम घुमते थे पप्पू यादव
इस कांड के आरोपी पूर्व सांसद पप्पू यादव कभी डर के नहीं रहे। हमेशा खुलेआम घुमते रहे। इसके बावजूद पुलिस उन्हें नहीं पकड़ सकी। वे राज्य के हर जिले में जाते थे। आंदोलन में भाग लेते थे। सरकार के खिलाफ बयान देते थे। इसके बाद भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में कभी सफल नहीं हुई। अब जब से सुपौल के वीरपुर जेल में बंद हैं तो वहां उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दिया हे। बताया जा रहा है जेल में उन्हें परेशानी हो रही है। सुविधा का अभाव है।
पप्पू यादव के रिहाई की मांग कर रहे है कार्यकर्ता
पूर्व सांसद को जेल भेजे जाने के बाद कार्यकर्ता रिहाई की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। बुधवार को कार्यकर्ताओं ने काला पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जेल में न पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली की। ऐसे में पूर्व सांसद की तबियत बिगड़ गई है।
अस्पताल में भर्ती कराने की मांग
कार्यकर्ताओं ने कहा कि पप्पू यादव की तबीयत खराब है। एक माह पहले ही उनका ऑपरेशन हुआ है। ऐसे में उनकी तबीयत और बिगड़ सकती है। तत्काल उन्हें इलाज की जरूरत हैं। प्रशासन को चाहिए कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाय।