रतनपुर में दिन भर होती रही चर्चा... आखिर CM से ग्रामीणों को क्यों नहीं मिलने दिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दीदार को सड़क के किनारे आसपास की छतों पर भारी भीड़ जमा थी। मुख्यमंत्री आम जनता को दो शब्द कहेंगे ऐसी अपेक्षा थी और लोग आतुर भी थे।
भागलपुर [कुमार आशुतोष]। मदारगंज में गुरुवार को उत्सव जैसा माहौल था। गांव के वीर सपूत को श्रद्धांजलि देने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आए थे। एकचारी हाई स्कूल से मदारगंज तक का नजारा बदला बदला था। चप्पे-चप्पे पर तैनात सुरक्षा बल, साफ सुथरी सड़क, बैरिकेडिंग सबकुछ चाक चौबंद था। ग्रामीण सड़क पर बने स्पीड ब्रेकर को भी प्रशासन द्वारा तोड़वा दिया गया था। शहीद रतन के घर के पास जगह की कमी के कारण वाहनों को भी मदारगंज मोड़ पर ही रोका जा रहा था।
मुख्यमंत्री के दीदार को सड़क के किनारे, आसपास की छतों पर भारी भीड़ जमा थी। मुख्यमंत्री आम जनता को दो शब्द कहेंगे ऐसी अपेक्षा थी और लोग आतुर भी थे। ग्रामीणों को काफी निराशा हाथ लगी जब सीएम से किन्हीं को भी नहीं मिलने दिया गया। और न ही उनके आसपास तक किन्हीं को जाने दिया गया। सीएम के जाने के बाद से लोगों आपस में इस बात की चर्चा कर रहे हैं। शु्क्रवार को भी यही स्थिति यहां दिखी। हालांकि गांव पूरा आज भी साफ सुथरा है। लोगों को मलाल था कि अगर सीएम से मिलने तो गांव के विकास के बारे में कुछ बात करते।
मुख्यमंत्री के भाषण का कोई कार्यक्रम नहीं था, न ही मुख्यमंत्री ने शहीद के घर से निकलते हुए किसी से कुछ कहा। जैसे ही मुख्यमंत्री शहीद के घर पहुंचे, जिस रास्ते से उन्हें वापस होना था सड़क किनारे यहां-वहां खड़े लोग शहीद अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद, नीतीश कुमार जिंदाबाद आदि के नारे लगाने लगे। अचानक इस शोरगुल को सुन पुलिस पदाधिकारी हरकत में आ गए। लोगों को शांत कराने का प्रयास करने लगे। जनता का उत्साह मुख्यमंत्री आगमन से चरम पर था। रुक रुक कर नारेबाजी तब तक चलती रही जब तक मुख्यमंत्री के वापस जाने का समय हो गया। सड़क पर भीड़ देख पुलिस पदाधिकारी थोड़े परेशान जरूर हुए। लेकिन ग्रामीणों ने शालीनता का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री के काफिले को रास्ता दे दिया, लेकिन नारेबाजी बदस्तूर जारी रहा।
ये पहले मुख्यमंत्री है जो शहीदों के घर जा रहे
नाथनगर विधायक अजय मंडल ने कहा कि नीतीश कुमार पहले मुख्यमंत्री हैं जो शहीद के परिजन से मिलने उनके घर-घर जा रहे हैं। परिजन को सांत्वना दे रहे हैं। शहीद परिवार की समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं। मुख्यमंत्री कोष से 25-25 लाख रुपये की सहायता राशि भी दी।
मुख्यमंत्री की अगुवाई में नही दिखे भाजपाई
मुख्यमंत्री की अगुवाई में भाजपा के कोई नेता दिखाई नहीं पड़े। जबकि जदयू के जिलास्तरीय और स्थानीय नेता कार्यकर्ता मौजूद थे।
चापाकल की हुई मरम्मत
एकचारी उच्चविद्यालय में हेलीपैड पर मुख्यमंत्री के आने और वापस लौटने तक स्कूल में खराब पड़े दो चापाकल को ठीक करने में पीएचईडी के अभियंता और कर्मचारी लगे रहे। सभी लोग पूछ रहे थे कि आज कैसे विभाग की नींद टूटी है जो चापाकल की मरम्मत की जा रही है।
मुख्यमंत्री के आने से गांव का कायाकल्प होने की उम्मीद
सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, पेयजल आदि समस्याओं से जूझ रहे रतनपुर के ग्रामीणों को आशा है कि गांव के लाल रतन के घर मुख्यमंत्री के आने से गांव का कायाकल्प हो जाएगा। मुख्यमंत्री को शहीद रतन की प्रतिमा स्थापित कर स्मारक बनवाने, शहीद रतन द्वार बनवाने, रतन के नाम पर डिग्री कालेज खुलवाने, अस्पताल का निर्माण, रंगा पोखर का सौंदर्यीकरण, सीढ़ी घाट का निर्माण, मदारगंज से गंगा रामपुर तक सड़क निर्माण, पंचायत सरकार भवन, पुस्तकालय की समुचित व्यवस्था आदि मांगों का पत्र भी दिया गया है। मुखिया राजेश कुमार पप्पू , पंचायत समिति प्रतिनिधि श्रवण कुमार ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार मुख्यमंत्री का पदार्पण इस गांव में शहीद रतन के घर हुआ है। यह हम ग्रामीणों का सौभाग्य है। उम्मीद है कि शहीद रतन के गांव और पंचायत का अब कायाकल्प हो जाएगा।
हाथ हिलाकर मुख्यमंत्री ने किया सभी का अभिनंदन
शहीद रतन के घर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जाने के लिए एकचारी उच्च विद्यालय के खेल मैदान में बनाए गए हेलीपैड पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। मैदान में सबसे पहले नाथनगर के विधायक अजय मंडल कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। पहले तो जदयू नेता अबू कैसर को पुलिस ने रोक दिया। विधायक की पहल पर मैदान में आए। जिलाध्यक्ष विभूति गोस्वामी भी कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। अगुआई के लिए हेलीपैड पर नेताओं के अलावा प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किन्नी, आइजी विनोद कुमार, डीआइजी विकास वैभव, जिलाधिकारी प्रणव कुमार, एसएसपी आशीष भारती और एसडीपीओ मनोज कुमार सुधांशु पहुंचे। 12 बजकर 24 मिनट पर मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर उतरा। मुख्यमंत्री ने बेरिकेटिंग के बाहर खड़े जदयू कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिनन्दन किया। मुख्यमंत्री को देखने के लिए स्कूल के चारों तरफ भीड़ लगी थी। घर की छतों, दीवार, पेड़ों पर भी लोग खड़े थे। स्कूल की छात्र-छात्राएं स्कूल की छत पर खड़ी थीं। मुख्यमंत्री के स्वागत में अभय सिंह, शेखर पांडेय, दिवाकर सिन्हा, श्यामबिहारी सिन्हा, विवेकानंद गुप्ता, दिनकर कुमार, शोभा पटेल, अभिमन्यु सिंह, उमेश मंडल, भाजपा के सुरेंद्र प्रसाद सिंह आदि मौजूद थे। मुख्यमंत्री एक बजकर 18 मिनट पर रतनपुर से वापस हेलीपैड पर आए और हाथ हिलाकर सभी का अभिनन्दन करते हुए हेलीकॉप्टर पर सवार हो गए।
मुख्यमंत्री के आते ही मेरी कुटिया हो गई धन्य
शहीद रतन कुमार ठाकुर के पिता रामनिरंजन ठाकुर की दिली इच्छा थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरीब की कुटिया में पधारें। रामनिरंजन ठाकुर की यह इच्छा पूरी हो गई। मुख्यमंत्री के जाने के बाद राम निरंजन ठाकुर ने कहा कि मेरी छोटी सी कुटिया में मुख्यमंत्री के आने से आज मैं धन्य हो गया। मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि मेरे गांव में शहीद रतन कुमार ठाकुर के नाम से स्मारक स्थापित किया जाय। ताकि युवाओं के दिलों में रतन कुमार ठाकुर की याद हमेशा बनी रहे। मदारगंज चौक पर शहीद रतन के नाम से स्मारक द्वार, मदारगंज चौक से गंगा रामपुर तक शहीद रतन के नाम से सड़क निर्माण कराने की मांग की।