सहरसा: गेहूं किसानों की बढ़ी चिंता, यूरिया के लिए दुकानों के बाद लग रही लंबी लाइन
सहरसा में गेहूं किसानों की चिंता बढ़ गई है। सिंचाई के बाद भी वे यूरिया का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। दुकानों के बाहर यूरिया के लिए हर दिन लंबी लाइन लग रही है। ऐसे में यहां के किसान...
संस, सहरसा। जिले में लक्ष्य के अनुरूप गेहूं की बुआई हो चुकी है, परंतु खाद के बिना इसके उग आए पौधे को बचाना कठिन हो रहा है। विगत चार महीने में यूरिया के आपूर्ति लक्ष्य 21578 एमटी की जगह मात्र 13483 एमटी प्राप्त हो सका। डीएपी, एनपीके व एमओपी के आपूर्ति की स्थिति भी बेहद खराब है। एकतरफ मांग के अनुसार खाद नहीं मिला और उपर से वितरण व्यवस्था ठीक नहीं हो सकी। दुकान खुलने के पूर्व ठंड व कुहासे की परवाह किए बिना किसान खाद दुकान के आगे जमा हो जाते हैं। दिनभर भूखे- प्यासे रहकर किसान एक छटांक भी खाद लेकर घर नहीं जा रहे हैं। अगर शाम तक किसी को खाद मिल जाता है तो खुशी से उनका चेहरा खिल उठता है। खाद के बिना मुरझाते पौधे को देख किसानों का चेहरा भी मुरझा रहा है।
आवश्यकता से काफी कम मिला है जिले को खाद
जिले में अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक जिले को जितनी मात्रा में यूरिया, डीएसपी, एनपीके आदि मिलना चाहिए, उसके अनुरूप काफी कम खाद जिले को प्राप्त हुआ। आपूर्ति प्लान के अनुसार
21578 यूरिया की जगह 13483.520 एमटी प्राप्त हुआ। 10092 एमटी डीएपी की जगह 5838.500 एमटी, 4700 एमटी एनपीके की जगह 4791.800 एमटी मिला। 5428 एमटी एमओपी की जगह 434.900 एमटी प्राप्त हुआ। उपर से खाद दुकानों में वितरण व्यवस्था ठीक नहीं है। चाेरी- छिपे कालाबाजारी से खाद बेचा जा रहा है। इसे अबतक नियंत्रित नहीं किया जा सका है।
वितरण व्यवस्था को दुरूस्त कर लिया गया है। डीएम के निर्देश पर लगातार खाद दुकानों का पर्यवेक्षण किया जा रहा है। खाद की कमी भी शीघ्र दूर होने की संभावना है। -दिनेश प्रसाद सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।