यह कैसी व्यवस्था: क्या बिहार में शराबबंदी पीने वालों के लिए है, बेचने वालों को खास सुविधा क्यों?
शराब पीने वाले सलाखों में बेचने वाले छुट्टा। भागलपुर जिले में बीते एक साल में पीने वालों की ही गिरफ्तारियां हुईं ज्यादा शराब बिक्री का नेटवर्क चलाने वाले हैं कोसों दूर। एक-दो बोतल के साथ गिरफ्तार लोगों के सहारे नेटवर्क चलाने वालों तक नहीं पहुंच पाई है पुलिस।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शराबबंदी कानून के प्रभावी होने के बाद भी अधिकतर पीने वाले ही सलाखों के पीछे भेजे गए हैं, जबकि शराब बेचने वाले आजाद घुम रहे हैं। शराबबंदी के अनुपालन में सुस्ती और शराब का रैकेट में शामिल बड़ी मछलियों को दबोचने की धीमी रफ्तार ने आबकारी विभाग और पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है।
शराब बिक्री के तगड़े नेटवर्क संचालित करने वाले शातिर अब दुस्साहस दिखाते हुए रास्ते में बाधा बनने वाले अधिकारी को भी अगवा करने लगे हैं। शराब बरामदगी को छापेमारी करने जाने वाली पुलिस की टीम पर शराब बेचने वाले हमला करने लगे हैं। शराब के काले धंधे में शामिल दागियों की गिरफ्तारी कम होना सवालों के घेरे में ला दिया है।
गिरफ्तारी नशे में धुत या दो-चार बोतल वालों की ज्यादा
जनवरी 2021 से जनवरी 2022 में अबतक थानास्तर पर बीते एक साल में अधिकांश गिरफ्तारी नशे में धुत व्यक्ति की या दो-चार बोतल लेकर चलने वाले आरोपितों की ही हुई है। इस दौरान आबकारी और पुलिस टीम जगदीशपुर, औद्योगिक, विक्रमशिला चेकपोस्ट, औद्योगिक आदि थाना क्षेत्र में यदा-कदा ही बड़े वाहनों में छिपा कर शराब ले जाने वाले कैरियर की गिरफ्तारी हुई। ऐसी बरामदगी का आंकड़ा भी एक साल में सफलता के दस अंक से ज्यादा नहीं बढ़ सका। शराब तस्करी का तगड़ा सिंडिकेट चलाने वाले नहीं पकड़े जा रहे हैं। नशे में धुत या एक-दो बोतलों के साथ पकड़े गए आरोपितों के सहारे पुलिस या आबकारी विभाग ने शराब बेचने वालों तक पहुंचने का कभी प्रयास नहीं किया। नतीजा शहर की तंग गलियों में भी शराब तस्कर आसानी से शराब परोस रहे हैं।
कुतुबगंज में पुलिस पार्टी पर हो चुका हमला
बबरगंज थाना क्षेत्र के कुतुबगंज पासी टोला में पुलिस पार्टी पर 22 सितंबर 2019 की रात छापेमारी के दौरान जानलेवा हमला कर राइफल छीनने का भी प्रयास किया था। हमले में दारोगा सुरेंद्र चौधरी समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। पुलिस टीम में शामिल पदाधिकारी और जवानों ने किसी तरह भाग कर जान बचाई थी। तब हमले की घटना को लेकर 25 नामजद ओर 50 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया था। शराब तस्करों ने हमला कर गिरफ्तार साथी रतन चौधरी को गिरफ्त से छुड़ा लिया था। नाथनगर के टमटम चौक पर दो जनवरी, दो अगस्त को हबीबपुर के करोड़ी बाजार में पुलिस पार्टी पर हमला हो चुका है।
आबकारी दारोगा लालू ने पकडऩे की हिम्मत दिखाई तो उठा ले गए तस्कर
आबकारी दारोगा लालू कुमार 19 जनवरी 2022 की दोपहर जमसी चौक, लोदीपुर में 123 लीटर विदेशी शराब लदी कार को जब्त कर उसके गिरफ्तार चालक से मिले इनपुट पर सुपौल जिले के बड़े तस्कर दुर्गा चौधरी और दीपक यादव को विक्रमशिला सेतु पर दबोचने का प्रयास किया। लोदीपुर में पकड़े गए चालक से पूछताछ के बाद विक्रमशिला सेतु पर दोनों को गिरफ्तार करने का प्रयास दारोगा लालू कुमार ने किया तो तस्करों ने उन्हें ही सड़क से खींच कर अगवा कर लिया और नवगछिया में छोड़ कर वे भाग निकले थे।
आबकारी और पुलिस की एक साल की उपलब्धियां
18 हजार देसी शराब और 22 हजार लीटर जावा बरामद कर नष्ट कर चुकी है। आबकारी की टीम के हिस्से एक साल में गिरफ्तारी का आंकड़ा सौ को भी पार नहीं कर सका। बीते एक साल में मात्र ९५ आरोपितों की गिरफ्तारी में सफलता हाथ लगी। ३२ वाहन जब्त किये गए हैं।
आबकारी विभाग 2021 की जनवरी से अबतक 33 हजार विदेशी शराब
पुलिस महकमे की उपलब्धियां भी एक साल में आबकारी टीम से कुछ अधिक रही। 50 हजार लीटर विदेशी शराब बरामदगी का आंकड़ा पार कर चुकी है। देसी शराब की बरामदगी भी 30 हजार लीटर का आंकड़ा पार कर चुकी है। एंटी लिकर टास्क फोर्स की सात अलग-अलग टीम के गठन बाद शराब बरामदगी और गिरफ्तारी में इजाफा हुआ है। वाहनों की बरामदगी का आंकड़ा में इजाफा हुआ है।
कोरोना की वजह से गिरफ्तारियां कम हुई हैं, लेकिन शराब बरामदगी में इजाफा हुआ है। - चंदन कुमार, आबकारी निरीक्षक, भागलपुर।
शराब बरामदगी, गिरफ्तारी और तस्करी रोकने के लिए जिला और अनुमंडल स्तर पर सात एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। टास्क फोर्स अभियान चला कर शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने में काम कर रही है। -बाबू राम, एसएसपी, भागलपुर।