सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं, जानिए... सोशल मीडिया पर डाले इस पोस्ट का राज
शहर में कुछ धन्नासेठों के बीच विवाद हो गया। विवाद इस कदर बढ़ा कि खाना बनाने का धंधा करने वाले को धन्नासेठों ने समाज निकाला कर दिया। कमरे में हुआ फैसला अचानक सोशल मीडिया में छा गया।
भागलपुर [संजय]। शहर में एक जुमला खूब चल रहा है सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं..। यह जुमला उछालने वाले पता नहीं किस आर्दश की बात करते हैं। शहर के एक सेठ का नाम एक घोटाले में सामने आया। खाकी वाले उन्हें खोजने लगे तो वे भूमिगत हो गए। जब मामला कुछ शांत हुआ तो अचानक वे सोशल मीडिया पर अपना पोस्ट डालकर प्रकट हुए। उन्होंने लिखा सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं। बात आई और गई। जुमला उलछना बंद हो गया। इसी बीच शहर में कुछ धन्नासेठों के बीच विवाद हो गया। विवाद इस कदर बढ़ा कि खाना बनाने का धंधा करने वाले को धन्नासेठों ने समाज निकाला कर दिया। कमरे में हुआ फैसला अचानक सोशल मीडिया में छा गया। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। फिर एक दिन समाज से निकाले गए सेठ ने कहा सत्य परेशान हो सकता है...। बात यहीं खत्म नहीं हुई। हाल में ही एक नेता जी भी एक विवादित अफसर से नजदीकियों में फंस गए। जब अफसर की जांच शुरू हुई तो नेताजी का नाम भी उनके गोरखधंधे में सट गया। खैर यह तो जांच का मामला है। जांच में क्या होगा यह कहा नहीं जा सकता। नेताजी ने भी सोशल मीडिया के जरिये फिर जुमला दोहराया, सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं। मजेदार तो यह है जिन जिन लोगों ने जुमला पोस्ट किया। एक बात कामन थी अंत में सभी ने लिखा जय महाकाल।
एक फूल माली अनेक
लोकसभा चुनाव की खुमारी उतरी भी नहीं नए समीकरण बनने लगे। इस बार विधायक जी सांसद हो गए। विधायक जी ने भगवा बयार में सीधे छक्का मार दिया। खूब खुशियां मनी। अभी विधायक जी दिल्ली भी नहीं पहुंचे कि उससे पहले विधायक जी वाली सीट से कौन उम्मीदवार बनेगा, इसको लेकर गुणा भाग होने लगे हैं। छह भाई तो सोशल मीडिया में हक हकूक की बात करने लगे। मानों फूल एक माली अनेक। मजेदार तो यह कुछ ने तो सोशल मीडिया पर खुद को उम्मीदवार तक घोषित करना शुरू कर दिया है। कुछेक ने पटना में अपने आकाओं से संपर्क करना भी शुरू कर दिया है। एक धन्ना सेठ नेताजी ने चर्चा शुरू कर दी है, उन्होंने लंबे समय तक विधायक जी के क्षेत्र में ही काम किया है। जनता उन्हें जानती है, उनकी दावेदारी भी मजबूत है। नेताजी ने अब विधायक जी वाले इलाके में घूमना और किसी भी तरह के आयोजनों में जाना शुरू कर दिया है। हाल में ही नेताजी सड़क हादसे में घायल हुए थे। अभी नेताजी पूरी तरह से फिट भी नहीं हुए है, लेकिन ऊंट की सवारी करने की तैयारी करने लगे है। खैर, राजनीति में कुछ भी हो सकता है, पता नहीं कब कौन सी बयार आए और बैतरनी पार हो जाए।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप