West Bengal Election 2021 : बंगाल में चुनावी हिंसा की तैयारी, दिखाए जा रहे फेक वीडियो, बांट जा रहे रकम
West Bengal Election 2021 पश्चिमबंगाल में चुनाव को हिंसक बनाने की तैयारी की जा रही है। शारदा चिटफंड घोटाले के आरोपी की तरफ से शेख नुरूल ग्रुप को विभिन्न क्षेत्रों में लगाया गया है जो वीडियो के जरिए अर्द्धसैनिक बलों के झूठे अत्याचार संबंधी कहानियां परोसी जा रही है।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। West Bengal Election 2021 : पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा फैलाने की बड़ी तैयारी की जा रही है। इसके लिए बशीरहाट, जंग महल, कलियाचक, झाडग़्राम, पुरुलिया, मेदिनीपुर में शेख नुरूल उर्फ ढाका दा ग्रुप के लोग फेक वीडियो दिखा कर सीआरपीएफ और अन्य अद्र्ध सैनिक बलों के अत्याचार की झूठी कहानी परोस रहे हैं। खुफिया अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल के इन जगहों पर होने वाली इस ताजा गतिविधि की रिपोर्ट भेजी है। खुफिया अधिकारी इस गतिविधि को पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा की तैयारी के रूप में देख रही है। शेख नुरूल ग्रुप अद्र्ध सैनिक बलों के झूठे अत्याचार की फेक वीडियो लोगों को दिखा कर उनमें नफरत फैला रहा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार नुरूल के ग्रुप में बिहार-झारखंड के कई लड़के शामिल हैं। उन इलाकों में फेक वीडियो के जरिए नफरत फैलाने और उनके बीच हथियार भी बांटे जा रहे हैं।
झारखंड के गोड्डा जिले के फंसियाडंगाल, बिहार के भागलपुर जिले के एलएन रोड, नाथनगर, नवगछिया के मकातकिया और मुंगेर के बरदह गांव से जुड़े लड़के भी उस ग्रुप में हैं। इनमें मुहम्मद कुद्दुश, अकरम अली, रिजवान, जुम्मन मियां की सक्रियता की बात सामने आई है। हाल में भागलपुर के कई हथियार तस्कर भी पश्चिम बंगाल में पकड़े गए हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस की गुंडा दमन शाखा भी इनकी गतिविधियों की जानकारी पर उनकी पहचान का प्रयास कर रही है। खुफिया सूत्रों की माने तो शेख नुरूल ग्रुप को चुनावी हिंसा में शारदा चिट फंड घोटाले में शामिल कुछ नेताओं का भी समर्थन हासिल है जिनसे उसके ग्रुप को फंडिंग हो रही है।
फेक वीडियो के जरिए अद्र्ध सैनिक बलों के प्रति नफरत फैलाने और उन इलाकों में हथियार मुहैया करा हिंसा फैलाने के मकसद पर तेजी से काम किया जा रहा है। खुफिया रिपोर्ट में शेख नुरूल गुट को माओवादियों का भी मौन समर्थन मिलने की बात कही गई है। क्योंकि नक्सल प्रभावित जंग महल इलाके में नुरूल गुट की सक्रियता बिना माओवादियों के हाथ मिलाने के संभव नहीं है। जंगलों से भरे आदिवासी बहुल जंगमहल का इलाका माओवादियों का गढ़ माना जाता है।