कहीं चुनावी रंजिश के कारण तो नहीं हुआ बांका से चिकित्सक का अपहरण, दो जिलों में फैला था साम्राज्य
बांका के बेलहर इलाके से एक चिकित्सक का अपहरण कर लिया गया है। बांका से जमुई तक अपहृत चिकित्सक का फैला है साम्राज्य। अब तक उनकी बरामदगी नहीं हो सकी है। स्वजन काफी दहशत में हैं। नक्सलियों पर भी शक है।
संवाद सूत्र, बेलहर (बांका)। बांका जिले के बेलहर चतराहन गांव से अपहृत ग्रामीण चिकित्सक उमेश वर्णवाल का साम्राज्य जमुई जिले के झाझा थाना अंतर्गत रेजला से चतराहन तक फैला हुआ है। अपहृत का रेजला बाजार में कीमती जमीन है। जिस पर आधा दर्जन से अधिक दुकानें बनी हुई है। सभी दुकानें मासिक किराए पर लगा हुआ है। पत्नी अपने चारों पुत्रियों साथ रेजला में ही रहा करती थी। दो पुत्रियों की शादी भी वहां से किया है।
चतराहन में वे एक स्वजातीय घर में रहते थे। घूम-घूमकर चतराहन, बगरो, कर्मटांड़, फुलहरा, मुडफ़ोड़वा आदि गांवों में इलाज किया करते थे। पहले तो पैदल फिर साइकिल से सफर करते थे। इसके बाद बाइक खरीद से चलने लगे। इलाके में वे काफी लोकप्रिय थे। अनुभवी चिकित्सकों में उनकी गिनती थी।
डेढ़ साल पूर्व चतराहन में अपना जमीन खरीद लिया। जहां मकान का निर्माण किया। उसी मकान के आधे हिस्से को क्लीनिक का रूप दे दिया गया। तीन पुत्रियों की शादी हो जाने और छोटी पुत्री के पटना में पढ़ाई करने के कारण पत्नी गांव में अकेली हो गई थी। जिस कारण एक साल पूर्व ही पत्नी को भी चतराहन ही बुला लिया। सभी लोग खुशहाली की जिंदगी जी रहे थे। क्लीनिक में भी मरीजों की दिनभर भीड़ लगी रहती थी। बताया जाता है कि अपहृत का गांव में लोग खूब सम्मान करते थे। लेकिन पंचायत चुनाव में उनके एक करीबी खड़े हो गए थे। जिनका खुलकर समर्थन किया था। उनके समर्थित प्रत्याशी की उनकी लोकप्रियता कारण जीत हो गई थी। कुछ विपक्षियों में इस बात को लेकर नाराजगी भी थी। आशंका जताई जा रही है कि चुनावी रंजिश में भी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। हालांकि इसकी कोई पुष्टि भी नहीं हो पा रही है।
पुलिस की टीम कर रही छापेमारी, स्वजनों में दहशत
बेलहर थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित चतराहन गांव से गुरुवार देर रात अज्ञात बेलोरो सवार बदमाशों ने ग्रामीण चिकित्सक उमेश वर्णवाल (45) का घर से अपहरण कर लिया थ। घटना के दूसरे दिन शुक्रवार को भी अपहृत उमेश का पता नहीं चल सका है। इधर, पुलिस एसएसबी जवानों के साथ मिलकर विभिन्न स्थानों पर सर्च आपरेशन चलाया है। पर कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। अपहृत का मोबाइल फोन भी घर में ही छूट गया है। अपहरणकर्ताओं ने सुईया-बोड़वा मार्ग के ताराकुरा मोड़ पर एक व्यक्ति के सड़क दुर्घटना में घायल होने की बात कहकर दरवाजा खुलवाया था। इसके बाद जबरन घसीटकर सफेद रंग की बेलोरो वाहन पर बैठाकर निकल गया। बेलोरो के पीछे एक बाइक भी थी। इस क्रम में अपहृत का चप्पल भी घटनास्थल पर ही छूट गया है। अपहृत के चिल्लाने और पत्नी बेबी देवी के शोर मचाने पर ग्रामीणों को घटना की जानकारी हुई। घटना के बाद स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है। घटना को अंजाम नक्सलियों ने या अपराधियों ने दिया है। इसका पता नहीं चल रहा है। स्वजन किसी से कोई भी दुश्मनी होने से इन्कार किया है।
अपहृत चिकित्सक मूलरूप से जमुई जिले के झाझा प्रखंड अंतर्गत रेजला गांव का है। करीब डेढ़ दशक से चतराहन में रहकर घूम- घूमकर इलाज करता था। इधर, एक साल पूर्व जमीन खरीदकर अपने मकान में ही क्लीनिक भी खोला है। अपहृत को चार पुत्री ही है। घटना में अपराधियों की संख्या चार बताई जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि कोई नक्सली बीमार पड़ा होगा। जिसके इलाज के लिए नक्सलियों द्वारा अपहरण किया गया होगा। थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया अपहृत की बरामदगी के लिए छापेमारी की जा रही है।
ग्रामीण चिकित्सक के अपहरण की सूचना मिली है। पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है। इसके लिए पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। - अरविंद कुमार गुप्ता, एसपी, बांका