विशाल दुबे हत्याकांड वाराणसी : बिरजू ने कितने अपराध किए उसे भी नहीं पता, सबूत मिटाने को कर देता था कत्ल
विशाल दुबे हत्याकांड वाराणसी रतलाम झांसी बस्तर नीमच जोधपुर में दे चुका था वारदात को अंजाम। विशाल दुबे हत्याकांड की कैफियत ले चुके थे सीएम आदित्य नाथ योगी। पुलिस ने भागलपुर सुल्तानगंज से कुख्यात बिरजू सिंह धर दबोचा था। उसपर विशाल दुबे हत्याकांड का आरोप है।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। घुमंतू बंजारे की टोली में जरायम धंधे सीख सयाना बने बिरजू को यह भी याद नहीं कि अपनी टोली के साथ कितने जघन्य वारदात किए होंगे। वह घुमंतू टोली के साथ कभी मेटाडोर, जीप, वैन पर सवार हो आबादी वाले इलाके से दूर बगीचे में डेरा डालता था। औरतें गुलदस्ता, मूर्तियां, जड़ी-बूटी बेचने आबादी वाले इलाके में जातीं। घरों की रेकी कर टोली में शामिल बिरजू और उसके साथियों को बताती थी। फिर बिरजू अपनी टोली के साथ उस घर के आगे गाड़ी खड़ी कर खुद भी आश्वस्त हो चक्कर लगाकर दिन में लौट जाता था। रात को घर में धावा बोल क्रूरता से डकैती डालते थे। घर के अंदर प्रवेश करने पर अंदर यदि कोई सदस्य से सामना हो जाता तो उसे मार डालते थे। घर के अंदर हत्या का तरीका भी बिरजू और उसके गैंग का अजीब होता था। लोहे की नुकीली खंती और मजबूत डंडे लेकर गिरोह के सदस्य डाका डालते थे। उन्हीं हथियारों से बेरहमी से दिख जाने वाले घर के सदस्यों को मार डालते थे। पिस्तौल, बम आदि बिरजू और उसके साथियों ने कभी हाथ तक नहीं लगाया। गिरफ्तारी पर बिरजू को अफसोस है।
बांका में डेरा डालने की थी तैयारी, की जा रही थी रेकी
बिरजू ने बताया कि बांका में डेरा डालने की तैयारी थी। शिकार के लिए रेकी का काम शुरू था। बड़ा शिकार करना था। लेकिन गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी माने तो पिस्तौल और बम तो उन बदमाशों के हथियार हैं जिन्हें अपने बाजू पर भरोसा ना है। हमारी टोली तो पल में जाने कितनों को मार डाले। उसने बताया कि रतलाम, नीमच, झांसी, जोधपुर, बस्तर जैसे इलाके में हमारी टोली अपराध कर चुकी है। यह पूछे जाने पर कितने कत्ल किए होंगे, उसका जवाब था कि उसे याद नहीं। पर डकैती के समय में घर का कोई सदस्य उन्हें देख ले या दिख जाते तो उसे मार डालने का काम पहले किया जाता था। इस काम में टोली के सभी साथी माहिर हैं। मौका-ए-वारदात पर कोई सुराग नहीं छोड़ते। विशाल दुबे की हत्या को लेकर उसने बताया कि सोए हालत में विशाल की नींद डकैती के समय में ही टूट गई थी। इसलिए उसे साथियों संग मार डाला था। हत्या बाद डकैती को अंजाम दे वाराणसी से सुल्तानगंज आया था। यहां के दिलगौरी में वर्षों से डेरा डाले टोली में आकर बिरजू साथियों संग छिप गया था। धीरे-धीरे टोली के अन्य साथियों को दूसरी जगह भेज वह खुद दिलगौरी में ही डेरा जमा लिया था। सरकारी जमीन पर बंजारे के बड़े कुनबे का सुल्तानगंज में वर्षों से बसेरा है। जहां बिरजू का परिवार भी है। मूल रूप से राजस्थान-मध्यप्रदेश के बार्उर एरिया संधारा के रहने वाले बिरजू का कुनबा पहले वहां से झांसी में आ बसा था। वहां से सुल्तानगंज, सिमरी बख्तियारपुर, बौंसी में भी वहां से आई टोली दस सालों से डेरा जमाए हुए हैं। बिरजू का परिवार सुल्तानगंज में ही रहता है। जबकि बिरजू देश के कई हिस्सों में जाकर डकैती को अंजाम देता रहता था। विशाल दुबे की हत्या बाद रात्रि गश्ती में संदेह के आधार पर वाराणसी में पकड़ी गई शीतल, कोमल, उर्मी, करिश्मा, सोनिया, गोपी के साथ बिरजू और उसके साथियों की नजदीकी ने हत्याकांड में बिरजू और उसके गैंग की संलिप्तता उजागर कर दिया। तब बिरजू सिंह भागलपुर पहुंची वाराणसी से पहुंची विशेष टीम के हाथ लग सका। विशाल दुबे हत्याकांड को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी पुलिस अधिकारियों से कैफियत तलब कर चुके थे। टीम परेशान थी। विशेष टीम में शामिल श्रीप्रकाश सिंह, शशि प्रताप सिंह, सूरज तिवारी, सुमित सिंह चार दिनों से भागलपुर और बांका की खाक झानते रहें। मशक्कत बाद शनिवार को बिरजू धर लिया गया। विशाल की हत्या वाराणसी के लंका इंदिरा नगर कॉलोनी में 14 अगस्त 2020 को डकैती के समय कर दी गई थी। लाखों के हीरे-सोने के जेवरात और नकदी लूटे गए थे।