बच्चों में तेजी से फैल रहा वायरल बुखार, मुंगेर के अस्पतालों का आंकड़ा बता रही सच्चाई, इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों में वायल बुखार तेजी से फैल रहा है। मुंगेर के अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे बच्चों में 60 फीसद वायर बुखार से पीडि़त हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस पर नजर रखी जा रही है। साथ ही...!
संवाद सूत्र, मुंगेर। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना देश भर मे जताई जा रही है। इस लहर में सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित होने का खतरा बताया गया है। हालांकि, बच्चों में कोरोना संबंधित फिलहाल कोई केस नहीं आया है, पर विगत दो सप्ताह से बच्चो में वायरल बुखार की शिकायतें ज्यादा मिल रहीं हैं। बात सिर्फ हम सदर अस्पताल की करें तो औसतन 90 से 100 बच्चे हर दिन इलाज के लिए पहुंंच रहें है, इसमें से 60 फीसद बच्चों वायरल फीवर का लक्षण मिल रहा है।
-12 बेड है एसएनसीयू में
-02 शिशु रोग विशेषज्ञ हैं तैनात
-80 से 90 बच्चे हर दिन पहुंच रहे हैं
-05 दर्जन है शहरी क्षेत्र में क्लीनिक
शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि मौसम में आए बदलाव के कारण बच्चो में वायरल बुखार की संभावना बढ़ गई है। इसकी वजह बच्चो के खान-पान भी हो सकता है। शहर में लगभग आधा दर्जन क्लीनिक में शिशु रोग विशेषज्ञ बच्चों का इलाज करते है, यहां भी वायरल फीवर से संबधित बीमार बच्चे पहुंच रहें है। सोमवार को सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में वायरल फीवर के दो बच्चे भर्ती थे। इसमें ङ्क्षवदवारा के पकंज कुमार की दस वर्षीय सृष्टि कुमारी और अमारी के नसीम का इलाज दो दिनों से शिशु वार्ड में चल रहा है। वहीं, कई बच्चों को दवा देकर स्वजनों के साथ घर भेज दिया गया।
सर्दी-खांसी हो तो बच्चों से रहें दूर
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. अजय कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि बच्चों में वायर बुखार तेजी से बढ़ रहा है। 100 में 60 बच्चे वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं। बच्चे के माता-पिता या किसी सदस्य को वायरल फीवर, सर्दी, खांसी है तो कुछ दिन बच्चे से दूर रहने की जरूरत है। साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखने की जरूरत है। अस्पताल में आने वाले बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। ज्यादातर लोग धूप से आने के बाद फ्रीज में रखे पानी पीते हैं, यह स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। रात में एंटी एलर्जी की दवा का सेवन करना जरूरी है।
वायरल बुखार का लक्षण
बच्चों में वायरल बुखार का मुख्य लक्षण सर्दी, गले में दर्द, चिड़चिड़ापन, खांसी, तेज बुखार, शरीर में ऐंठन होना मुख्य है। अभी जिनते भी बच्चे सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, सभी में लगभग इस तरह की शिकायतें देखने को मिल रही है।