विक्रमशिला एक्सप्रेस होगी इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली पहली ट्रेन
शीघ्र ही इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन परिचालन शुरू करने का रिपोर्ट भेेजी जाएगी। इसके बाद ट्रेनें चलने लगेंगी। भागलपुर से इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली पहली ट्रेन विक्रमशिला एक्स होगी।
भागलपुर [जेएनएन]। किऊल से भागलपुर के बीच विद्युतीकरण लाइन पर शुक्रवार को इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाकर फाइनल ट्रॉयल पूरा कर लिया गया। किऊल से भागलपुर के बीच परिचालन में कोई दिक्कत नहीं हुआ। मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मु. लतीफ खान निरीक्षण के बाद पूरी तरह खुश दिखे। चार से पांच दिनों के अंदर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन परिचालन शुरू करने का रिपोर्ट भेजेंगे। इसके बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलने लगेंगी। भागलपुर से इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली पहली ट्रेन विक्रमशिला एक्सप्रेस होगी।
पहले चरण में चार महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन इलेक्ट्रिक इंजन से करना है। इससे पहले सीआरएस जमालपुर से किऊल तक का निरीक्षण किया। दोपहर 2.58 बजे सीआरएस किऊल से भागलपुर के लिए रवाना हुए। दो मिनट जमालपुर में रुकने के बाद ट्रेन सीधा भागलपुर पहुंची। 100 किमी रफ्तार से 13 कोच वाली इंस्पेक्शन ट्रेन को किऊल से भागलपुर की 98 किमी की दूरी तय करने में महज 97 मिनट ही लगा। इस दौरान एडीआरएम एस भगत, सीनियर डीओएम एके मौर्या, सीएफटीएम, निदेशक सीपी शर्मा, एरिया ऑफिसर आलोक कुमार, मुख्य यार्ड निरीक्षक प्रमोद कुमार, एइइ अपूर्व श्रीवास्तव सहित सहित इलेक्ट्रिक विभाग के अधिकारी थे।
सुरंग, पुल और कर्व लाइन पर रफ्तार धीमा
पुल और कर्व लाइन क्रास करने के दौरान ट्रेन की रफ्तार धीमी करनी पड़ी। इसके बाद ट्रेन कहीं भी 100 किमी से कम नहीं चली। इंस्पेकशन ट्रेन को लोको पायलट दिलीप कुमार और सहायक लोको पायलट अशोक कुमार ने दौड़ाया। इस दौरान ट्रैफिक इंस्पेक्टर बीबी तिवारी थे।
संरक्षा और सुरक्षा का पढ़ाया पाठ
भागलपुर पहुंचने के बाद सीआरएस ने परिचालन, सिग्नल अधिकारियों के साथ बैठक की। सीआरएस ने सभी को सुरक्षित परिचालन और संरक्षा का पाठ पढ़ाया। सीआरएस लाइट इंजन से पटना रवाना हुए। वहीं, इंस्पेक्शन ट्रेन का आधा कोच हावड़ा के लिए रवाना हुआ।