यहां पहली बार किसी ट्रेन का जन्मदिन मनाया जाएगा, सात मार्च 1977 को हुआ था परिचालन शुरू Bhagalpur News
विक्रमशिला एक्सप्रेस सात मार्च 1977 को पहली बार पूर्व बिहार के यात्रियों को भागलपुर से लेकर नई दिल्ली तक गई थी। तब इसमें 12 कोच थे और यह कोयले से चलती थी।
भागलपुर [रजनीश]।बार-बार दिन ये आए, बार-बार दिल ये गाए...। इसके आगे का बोल थोड़ा बदल जाएगा-यूं ही चले सालों साल, है ये आरजू...हैप्पी बर्थ डे टू यू...। भागलपुर के लिए कुछ खास, शायद किसी भी जंक्शन पर पहली बार। हैप्पी बर्थ डे टू विक्रमशिला...हैप्पी बर्थ डे टू विक्रमशिला एक्सप्रेस!
जिस ट्रेन से शहर के लोगों की अनगिनत यादें जुड़ी हैं, जिसने चार दशकों तक लाखों लोगों को दिल्ली पहुंचाया, उसी विक्रमशिला एक्सप्रेस के 43 साल पूरे होने पर पहली बार बर्थ डे मनाया जाएगा। इस मौके पर केक भी काटे जाएंगे। तोहफे भी भेंट किए जाएंगे। यात्रियों के साथ शहर के लोग भी इसमें शरीक होंगे। सात मार्च को इसका बर्थडे मनाया जाएगा। 1977 में इसी दिन यह ट्रेन भागलपुर से खुली थी। इस यादगार मौके पर मालदा रेल मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार खास तौर से भागलपुर आएंगे।
वर्षों तक मगध से जुड़कर चली
विक्रमशिला एक्सप्रेस सात मार्च 1977 को भागलपुर से नई दिल्ली के लिए चली थी तो उस समय इसमें 12 कोच थे। तब कोयले से चलती थी। फिर डीजल और अब इलेक्ट्रिक इंजन लग गया है। 1980 से यह ट्रेन पटना जंक्शन से नई दिल्ली जाने वाली मगध एक्सप्रेस के साथ जुड़कर चलने लगी। उस समय भागलपुर जंक्शन से 12.15 बजे दोपहर खुलती थी। पटना से मगध एक्सप्रेस के साथ जुड़कर शाम सात बजे नई दिल्ली के लिए रवाना होती थी। अब 11.15 बजे खुलती है।
नीतीश कुमार ने बनाया था स्वतंत्र ट्रेन
अटल बिहारी वाजयेपी के नेतृत्व वाली सरकार में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने विक्रमशिला एक्सप्रेस को मगध से अलग कर स्वतंत्र ट्रेन बनाया। इसके बाद यह भागलपुर से आनंद विहार के लिए स्वतंत्र रूप से चलने लगी। 2017 में इसे एलएचबी रैक से सुसज्जित किया गया।
22 कोच लगे हैं इस ट्रेन में
1209 किमी की आनंद विहार टर्मिनल तक की दूरी 21 घंटे में
03 रैंकों के साथ होता है परिचालन
2017 को एलएचबी रैक से सुसज्जित किया गया
2019 में एचओजी प्रणाली से किया गया लैस
110 किमी अधिकतम रफ्तार विक्रमशिला का
12 स्लीपर, पांच एसी कोच
विक्रमशिला एक्सप्रेस भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल (दिल्ली) के लिए रोज चलने वाली एकमात्र ट्रेन है। इसमें 12 स्लीपर, तीन एसी थ्री, एक एसी टू, एक एसी फस्र्ट, एक एसी पैंट्री कार और दो जनरल मिलाकर कुल 22 कोच हैं। सभी कोचों में अंग की लोककला मंजूषा की पेंटिंग भी कराई गई है।
यह बहुत खुशी की बात है कि विक्रमशिला एक्सप्रेस सात मार्च को 43 साल की हो जाएगी। इस दिन ट्रेन का बर्थ डे मनाया जाएगा। पूरी तरह से सेलिब्रेट किया जाएगा। यह ट्रेन मालदा मंडल की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन है। - यतेंद्र कुमार, डीआरएम, मालदा रेल मंडल।