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कभी सुना है इन नायाब नोटों के बारे में, 165 देशों की करेंसी है विक्रमजीत के पास, आप भी देंखें

विक्रमजीत के पास नायाब नोटों का अनोखा संग्रह मौजूद है। चार वर्ष की उम्र से उनका यह शौक रहा है। उनके पास प्राचीनकालीन सिक्के हैं। ढाई रुपये का नोट भी है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 10:19 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 02:52 PM (IST)
कभी सुना है इन नायाब नोटों के बारे में, 165 देशों की करेंसी है विक्रमजीत के पास, आप भी देंखें
कभी सुना है इन नायाब नोटों के बारे में, 165 देशों की करेंसी है विक्रमजीत के पास, आप भी देंखें

भागलपुर [जितेंद्र कुमार]। विक्रमजीत सिंह के पिता 1948 में देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान के गुजरावाला से अलीगढ़ आए। वहां से कुछ रिश्तेदारों के अनुरोध पर भागलपुर पहुंचे और यहीं बस गए। आते समय इनका परिवार शरीर पर मौजूद कपड़ों और कुछ जरूरी सामान के अलावा कुछ नहीं ला पाया। आज विक्रमजीत के पास नायाब नोटों का अनोखा संग्रह मौजूद है। उन्होंने बताया कि चार वर्ष की उम्र से उनका यह शौक रहा है। उनकी मां की बुआ थाइलैंड में रहती थीं। उन्होंने भी विभिन्न देशों की करेंसी विक्रमजीत को दी। इससे उनका शौक परवान चढ़ गया। अभी विक्रमजीत के पास 165 देशों की ऐतिहासिक करेंसी है।

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मौर्यकालीन सिक्के : इनके पास करीब 20-30 प्राचीनकालीन सिक्के हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, बनारस से सेवानिवृत्त सुरेंद्र शर्मा ने इन्हें बताया कि ये सिक्के 400 बीसी (2400 साल पुराने) हैं और मौर्यकाल के हैं। इन्हें ज्वेलरी का काम करने वाले इनके एक मित्र ने उक्त सिक्के दिए थे। इसके अलावा राम दरबार सिक्का और हैदराबाद, ग्वालियर, इंदौर, जयपुर, बीकानेर, कोलकाता आदि के निजामों-राजाओं द्वारा जारी किए गए सिक्के भी इनके पास हैं।

बर्मा के ओवरप्रिंट नोट व आरबीआइ द्वारा जारी पाकिस्तान के नोट : कभी बर्मा (म्यांमार) भी भारत का हिस्सा था। उस समय भारत में चलने वाले 10 रुपये के नोट पर ओवरप्रिंट कर उसे बर्मा भेजा जाता था। इसपर लीगल टेंडर फॉर बर्मा लिखा रहता था। वहीं, आरबीआइ और गर्वनमेंट ऑफ पाकिस्तान के नाम से छपा एक और 10 रुपये का नोट इनके पास है। नोटों पर अंग्रेजी में आरबीआइ और उर्दू-अंग्रेजी में गर्वनमेंट ऑफ पाकिस्तान लिखकर इन्हें जारी किया गया था। ऐसे नोट भारत में भी चलते थे। भारत में लोग इन नोटों से गर्वनमेंट ऑफ पाकिस्तान खुरच देते थे। दोनों तरह के नोट इनके पास हैं।

ढाई रुपये का नोट : जॉर्ज पंचम के समय में 1918 में जारी किए गए इस नोट का कुछ समय के बाद ही विमुद्रीकरण कर दिया गया था। इनके पास कुछ त्रुटिपूर्ण नोट हैं। बाजार में आम तौर पर इन नोटों को लोग जाली समझते हैं।

दुनिया का सबसे बड़ा नोट : 600 रिंगिट (मलेशिया की करेंसी) का यह नोट गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा नोट है। ऐसे छह हजार नोट जारी किए गए हैं, जिनमें से 4500 नोट मलेशिया में ही हैं। वहीं, रिपब्लिक ऑफ तंजानिया द्वारा जारी सिक्का बुलेट के आकार का है। दरअसल, ये दो सिक्के हैं जो आपस में चुंबक से जुड़कर बुलेट की शक्ल ले लेते हैं।

कुक आइलैंड के शानदार सिक्के : कुक आइलैंड द्वारा जारी पेंग्विन, चिप्स, हीरे, फूल, पांडा, स्टार आदि की शक्ल में जारी किए गए थ्रीडी क्वाइन विक्रमजीत के कलेक्शन की शोभा बढ़ा रहे हैं। हीरे की शक्ल के सिक्के के ऊपर एक कैरेट का हीरा भी जड़ा है। ऐसे मात्र 222 सिक्के जारी किए गए हैं।

ये भी हैं संग्रह में : यूएसए द्वारा उसके 50 राज्यों पर जारी किए गए 50 अलग-अलग तरह के क्वार्टर डॉलर, ऑस्ट्रेलिया मिंट द्वारा जारी किया गया एक किलोग्राम का चांदी का सिक्का, कानपुर मिंट द्वारा जॉर्ज छठे के समय में जारी किया गया 100 रुपये का नोट, खादी ग्रामोद्योग द्वारा जारी हुंडियां, एक रुपये के नोट जिन्हें रसीद आदि की तरह फाड़कर दिया जाता था, 1905 में जारी किया गया रूस का नोट, महात्मा गांधी की 100 वीं जयंती पर जारी नोटों की सीरीज, फैंसी नंबर के नोट और आरबीआइ द्वारा जारी 75, 100, 125, 500 और 1000 रुपये के विशेष सिक्के इनके पास हैं।


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