टीएमबीयू की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने लिया मुंगेर विश्वविद्यालय का प्रभार
टीएमबीयू की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने मुंगेर विश्वविद्यालय का प्रभार लिया। उन्हें मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रंजीत कुमार वर्मा ने अपना प्रभार दिया है। कुलपति प्रो. वर्मा का अपने आवास पर प्रो. गुप्ता ने स्वागत किया।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने अपने आवासीय कार्यालय में मुंगेर विश्वविद्यालय का प्रभार लिया। उन्हें मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रंजीत कुमार वर्मा ने अपना प्रभार दिया है। कुलपति प्रो. वर्मा का अपने आवास पर प्रो. गुप्ता ने स्वागत किया। बुके देकर अभिवादन किया। मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति ने टीएमबीयू की कुलपति को बड़ी दुर्गा महारानी का चित्र सौंपा। इसके बाद टीएमबीयू के कुलसचिव डॉ. निरंजन प्रसाद यादव और मुुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डीके सिंह ने जरूरी कागजी कार्रवाई कराई।
जिसके बाद टीएमबीयू की कुलपति ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि भागलपुर की तरह मुंगेर भी ऐतिहासिक जिला है। वहां के कई कॉलेजों का अपना इतिहास है। वहां भी प्रशासनिक और एकेडमिक माहौल को बेहतर बनाया जाएगा।
कुलपति ने कहा कि मुंगेर विश्वविद्यालय अभी नया है। ऐसे में सभी शिक्षकेत्तरकर्मी, शिक्षक, छात्रों और शहरवासियों के साथ उसका विकास किया जाएगा। छात्रों की समस्या को वे सर्वोच्च प्राथमिकता देंगी। परीक्षाएं समय से कराने की कोशिश होगी। अन्य समस्याओं का भी निदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे वहां के अधिकारियों के साथ आगे की रूपरेखा तैयार करेंगी। पदभार ग्रहण करने की जानकारी पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर ने दी।
नई शिक्षा नीति में एबीसी सिस्टम के लिए टीएमबीयू से मांगा सुझाव
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में नई शिक्षा नीति के तहत यूजीसी द्वारा एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) सिस्टम लागू करने की तैयारी है। इसके तहत छात्र एक कोर्स करते हुए उसे बीच में छोड़ नए कोर्स में नामांकन ले सकते हैं। लेकिन इससे पुराने वाले कोर्स पर किसी तरह का फर्क नहीं पड़ेगा। उस कोर्स का क्रेडिट एबीसी सिस्टम के तहत जमा हो जाएगा। उस क्रेडिट का इस्तमाल छात्र नए कोर्स में या फिर से पुराने कोर्स को शुरू करते समय कर सकते हैं।
यूजीसी ने इस सिस्टम को लागू करने के पूर्व टीएमबीयू समेत अन्य विश्वविद्यालयों से बेहतरी के लिए 25 मार्च तक सुझाव मांगा है। इस सिस्टम के तहत एक वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर छात्रों को संबंधित कोर्स का प्रमाण पत्र और दो साल की पढ़ाई पर डिप्लोमा का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इस क्रेडिट के सहारे छात्र दूसरे विश्वविद्यालय में भी नामांकन ले सकते हैं। यूनिक आइडी के सहारे छात्रों का डाटा केंद्रीयकृत रहेगा। सभी विश्वविद्यालयों को इससे ऑनलाइन जोडऩे की कवायद शुरू की जाएगी।