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प्रभार ग्रहण करते ही एक्शन में दिखे प्रभारी कुलपति, कहा- विश्वस्तरीय संस्थानों में बीएयू होगा शामिल, ये है योजना

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के नए प्रभारी कुलपति डॉ. आरके सोहाने ने प्रभार ग्रहण कर लिया। इसके बाद ही वह एक्शन में दिखने लगे। उन्होंने कहा कि संस्थान को विश्वस्तरी बनाने के लिए खाका तैयार किया जा रहा है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 08:52 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 08:52 PM (IST)
प्रभार ग्रहण करते ही एक्शन में दिखे प्रभारी कुलपति, कहा- विश्वस्तरीय संस्थानों में बीएयू होगा शामिल, ये है योजना
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के नए प्रभारी कुलपति डॉ. आरके सोहाने।

 भागलपुर [ललन तिवारी]। बिहार कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने ने प्रभारी कुलपति का प्रभार ग्रहण किया। नए प्रशासनिक भवन में कुलपति की कुर्सी पर बैठते ही डॉ. सोहाने ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ छात्रों को विश्वस्तरीय प्लेटफार्म पर ले जाने के लिए तैयार किया जाएगा।

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किसानों के चेहरे पर मुस्कान हो इसके लिए हमारे अधिकारी अब सप्ताह में दो दिन खेत व गांव में जाकर उनसे से मिलेंगे, ताकि उनकी जरूरत के अनुसार अनुसंधान किया जाय। युवाओं को प्रशिक्षित कर ज्यादा से ज्यादा रोजगार और स्वरोजगार का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। सरकारी व्यवस्था के तहत आर्थिक मदद मिलने में सहयोग किया जाएगा। इसके लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी। 

अधिकारी और कर्मचारी सभी एक परिवार का हिस्‍सा 

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और उससे जुड़े संस्थानों में काम करने वाले कर्मियों से अधिकारी तक सभी एक परिवार हैं। हम अपने इस परिवार की सशक्त टीम के साथ संस्थान को विकास की तेज गति देंगे। इससे पहले कुलपति समस्तीपुर के प्रशिक्षण ले रहे किसानों से मिले। उसके बाद उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें कई निर्णय लिए गए। बताया गया कि डॉ. सोहाने कुलपति की गाड़ी, आवास आदि का उपयोग नहीं करेंगे। वह पूर्व की तरह ही अपने पुराने आवास में रहेंगे। वे कुलपति के आवास में शिप्‍ट नहीं होंगे। 

पूरे दिन एक्शन में दिखे नए प्रभारी कुलपति

प्रभार लेने के साथ ही नए प्रभारी कुलपति पूरे दिन एक्शन में दिखे। उन्होंने विशेष बातचीत के दौरान कहा कि संस्थान को विश्वस्तरीय बनाने के लिए योजना तैयार की जा रही है। यहां पर शोध को और बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही संस्थान में पढऩे वाले छात्रों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा। आसपास के किसान यहां पर आकर नियमित रूप से खेती की नई तकनीक से रूबरू हो सकें, इसकी मुकम्मल व्यवस्था आगे की जाएगी।  


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