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Sadar Hospital Bhagalpur : वेंटिलेटर को ऑक्सीजन की जरूरत, अस्पताल के बॉक्स में पैक कर रखी हुई मशीनें

सदर अस्पताल में स्टॉल नहीं हो सका है वेंटिलेटर। अस्पताल के बॉक्स में पैक कर रखी हुई हैं मशीनें। जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। भागलपुर जिले में सिर्फ जेएलएनएमसीएच में वेंटिलेंटर जांच की सुविधा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 09:22 AM (IST)
Sadar Hospital Bhagalpur : वेंटिलेटर को ऑक्सीजन की जरूरत, अस्पताल के बॉक्स में पैक कर रखी हुई मशीनें
अगस्त में सदर अस्पताल को चार वेंटिलेटर मशीन उपलब्ध कराई गई है।

भागलपुर, जेएनएन। सांस (ऑक्सीजन) की जरूरत सिर्फ गंभीर मरीजों को ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से लाइफ टाइम सर्पोट सिस्टम (वेंटिलेटर) को अब सांस की जरूरत पडऩे लगी है। सदर अस्पताल में कोरोना और दूसरे बीमारी के गंभीर मरीजों के लिए मंगाए गए चार वेंटिलेंटर भगवान भरोसे है। दो महीने से सभी वेंटिलेटर शो पीस बनकर रहा गया है। अभी तक इंस्टॉल तक नहीं होने की वजह से मशीनें पैक कर रखी हुई है। अभी तक न तो ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाई गई और न ही इसे चलाने के लिए तकनीशियनों को दक्ष किया गया है। दरअसल, अगस्त के पहले सप्ताह में प्रधान सचिव के दौरे के बाद सदर अस्पताल को पहले चरण में चार वेंटिलेटर मशीन उपलब्ध कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के गंभीर मरीजों को देखते हुए यह सुविधा जिलास्तर पर दी थी।

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गंभीर मरीजों को पड़ती है जरूरत

वेंटिलेटर का इस्तेमाल हर गंभीर मरीज, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। वैसे मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है। भागलपुर जिले में वेंटिलेटर की सुविधा सिर्फ जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में ही है। यहां दो दर्जन वेंटिलेंटर की सुविधा है। यहां अभी सिर्फ कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज होता है। टीचर्स टेनिंग कॉलेज में भर्ती कोविड सेंटर से जिन मरीजों की स्थिति गंभीर होती है, उन्हें मेडिकल अस्पताल में रेफर किया जाता है।

अभी करना होगा लंबा इंतजार

सदर अस्पताल के इमरजेंसी में वेंटिलेंटर इंस्टॉल करने से पहले वहां ऑक्सीजन पाइन लाइन लगाई जानी है। इसके लिए एजेंसी से भी बात भी हो गई थी। एजेंसी ने 20 अगस्त तक इंस्टॉल करने को कहा था, कुछ तकनीकी कारणों के कारण तिथि बढ़ गई। फिर सितंबर तक काम पूरा होने की तारीख तय हुई। सात अक्टूबर तक स्थिति जस की तस है। सिविल सर्जन ने बताया कि कोलकाता की एक एजेंसी से संपर्क किया गया है। लॉकडाउन के कारण एजेंसी के तकनीशियन नहीं आ रहे हैं।

इंस्टॉल के लिए कोलकाता की एजेंसी को काम सौंपा गया है। जल्द ही ऑक्सीजन पाइप लाइन लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद तकनीशियन को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। -डॉ. विजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन।


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