Urea scam in supaul: महाराष्ट्र के किसान को 36 बोरा बच दिया यूरिया, बिहार कृषि सचिव ने दिए यह आदेश
Urea scam in supaul बिहार के सुपौल में यूरिया घोटाला उजागर हुआ है। भपटियाही बाजार के शीतल ट्रेडर्स को जुलाई में खरीफ फसल हेतु यूरिया उपलब्ध कराया गया। यह यूरिया महाराष्ट्र में बेची गई। बिहार कृषि सचिव ने जांच के आदेश दिए हैं।
संवाद सूत्र,सरायगढ़ (सुपौल)। सुपौल जिले के भपटियाही बाजार के एक खाद विक्रेता द्वारा यूरिया बेचने में बड़े पैमाने पर धांधली उजागर हुआ है। विक्रेता की धांधली को लेकर सचिव कृषि विभाग पटना बिहार सरकार के आदेश पर जांच शुरू कर दी गई है। जानकारी अनुसार भपटियाही बाजार के शीतल ट्रेडर्स को पिछले वर्ष जुलाई माह में खरीफ फसल हेतु यूरिया उपलब्ध कराया गया। उपलब्ध यूरिया में से शीतल ट्रेडर्स द्वारा मात्र 7 किसानों के हाथ 226 बोरा यूरिया बेच दिया गया। जबकि एक किसान को अधिकतम दो से तीन बोरी यूरिया ही देना था। हद तो यह है कि महाराष्ट्र के पुणे सिटी के रहने वाले एक किसान के नाम भी 36 बोरा यूरिया बेचा गया है।
शीतल ट्रेडर्स के द्वारा की गई इस धांधली के जांच का आदेश बिहार सरकार के कृषि सचिव पटना द्वारा 10 जनवरी 2022 को दिया गया जिसके आलोक में शनिवार को अपर अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल अनंत कुमार तथा प्रखंड कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार द्वारा जांच शुरू की गई। जांच टीम के दुकान पर पहुंचने पर आवश्यक कागजात नहीं दिखाया गया। इसके बाद टीम ने ट्रेडर्स के संचालक को मामले को लेकर सोमवार तक अपना साक्ष्य रखने को कहा है।
जानकारी देते प्रखंड कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने कहा शीतल ट्रेडर्स द्वारा भपटियाही बाजार के बृज बिहारी सिंह के नाम 30 बोरा सियानी गांव के देवीलाल शर्मा के नाम 41 बोरा, हरियाही गांव के गंगाय सरदार के नाम 30 बोरा पुणे सिटी पुणे महाराष्ट्र के किसान कुमार नीलोत्पल के नाम 36 बोरा मुरली गांव के किसान निखिलेश कुमार झा के नाम 28 बोरा सियानी गांव के किसान रविंद्र कुमार के नाम 31 बोरा तथा सरायगढ़ के एक किसान के नाम 30 बोरा यूरिया बेचा गया। उन सभी किसानों का आधार कार्ड तथा मोबाइल नंबर पाश मशीन में इंट्री है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि शीतल ट्रेडर्स द्वारा संबंधित किसानों के हाथ जुलाई माह में यूरिया बेचा गया था।
उन्होंने बताया कि किसान यूरिया खरीदे कि नहीं इसकी जांच शुरू कर दी गई है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कहा एक किसान को एक साथ बड़े पैमाने पर यूरिया देने के पीछे क्या कारण है इसकी भी जांच की जा रही है। जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर महाराष्ट्र के किसान के हाथ यूरिया कैसे बिक्री हुआ तो प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कहा कि इसको लेकर भी जांच चल रही है। शीतल ट्रेडर्स के संचालक को सोमवार को सभी किसानों के साथ जिला मुख्यालय में पहुंच कर अपना पक्ष रखना है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही सही स्थिति का पता चल पाएगा।
उधर कुछ किसानों ने पूछने पर कहा कि उन्होंने शीतल ट्रेडर्स से यूरिया खरीद नहीं की। बल्कि किसी काम से उसके दुकान पर जाने पर दुकानदार ने उसका आधार नंबर और अंगूठा ले लिया था। अब जाकर मालूम हुआ है कि उनके नाम यूरिया की बिक्री कर दी गई है जो गलत है। एक किसान ने दबी जुबान से बताया उन्हें मालूम ही नहीं है कि कब उनका आधार और मोबाइल नंबर लिया गया। चर्चा है कि जिन जिन किसानों का नाम यूरिया के क्रेता के रूप में दिया गया है उसमें से कुछ खेती ही नहीं करते हैं। ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारी द्वारा क्या कार्रवाई होती है इसको लेकर लोगों में चर्चा शुरू हो गई है।
उधर शीतल ट्रेडर्स के संचालक ने पूछने पर बताया कि धान फसल के समय में उनके द्वारा किसानों के हाथ यूरिया बेचा गया था। उन्होंने कहा कि जांच टीम को साक्ष्य दिया जाएगा। बताया कि पुणे सिटी पुणे महाराष्ट्र के जिस व्यक्ति के नाम यूरिया बेचा गया उसका घर प्रखंड क्षेत्र के एक गांव में है। मालूम हो कि बीते कुछ माह से रासायनिक उर्वरक को लेकर किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है। कोरोना संक्रमण काल में किसान रासायनिक उर्वरक के लिए काफी परेशान रहा करते थे और उस समय सात किसान के हाथ 226 बोरा यूरिया का बेचा जाना एक बड़ा सवाल बन सकता है।