UPSC Result 2020 Topper: IIT से IAS तक तमाम कठिनाइयों से जूझकर शुभम कुमार ने पूरा किया सफर
UPSC Result 2020 Topper यूपीएससी में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले शुभम कुमार का सफर आसान नहीं था। पहले आइआटी और फिर आइएएस का सफर। शुभम ने तमाम तरह की कठिनाइयों को जूझते हुए पूरा किया। इस संघर्ष में...!
भागलपुर [नीरज कुमार]। देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा। इस परीक्षा टाप रैंक लाने वाले छात्र आइएएस बनते हैं। बिहार की धरती इन टापर्स को पैदा करने में आज भी आगे है।
इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं शुभम कुमार। मूलरूप से बिहार के सुदूर इलाका कदवा के रहने वाले शुभम कुमार ने सिविल सर्विस परीक्षा में देशभर में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है। कदवा के सुदूर इलाके से टापर बनने तक का सफर, शुभम के लिए आसान नहीं था। इससे पहले शुभम ने आइआइटी बांबे से स्नातक किया है।
शुभम ने फोन पर अपने पिता को दी सूचना,
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा का रिजल्ट जारी होते ही पूणे से टापर होने की सूचना शुभम कुमार ने माूेबाइल पर अपने पिता देवानंद सिंह को दी। जिस वक्त शुभम के पिता को यह सूचना मिली वे पूर्णिया से लौट रहे थे। रास्ते में ही पिता को अपने पुत्र की शानदार सफलता का जानकारी मिले। शुभम के पिता पूर्णिया स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक हैं।
देवानंद सिंह ने रास्ते से ही इस सफलता की जानकारी कुम्हरी में अपने परिवारवालों को दी। देशभर में कटिहार का डंका बजाने वाले शुभम की सफलता पर कुम्हरी सहित पूरा जिला झूम उठा। कदवा की सीमा में पहुंचते ही शुभम के पिता का लोगों ने फूल माला से भव्य स्वागत करते हुए मिठाईयां खिलाई। गौरवान्वित पिता ने भी गांव वालों के बीच मिठाईयां बांटी। शुभम की सफलता पर पिता देवानंद सिंह व मां पूनम सिंह फूले नहीं समा रहे।
कुम्हरी गांव में भी खुशी का माहौल है। लोगों ने आतिशबाजी करते हुए शुभम की सफलता का जश्न मनाया। गौरवान्वित पिता ने कहा कि आइटीआई से पास आउट होने के बाद से ही उसका सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का था। पहले प्रयास में शुभम ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 290 वां स्थान लाया। उनका चयन इंडियन अकाउंटस सर्विस के लिए हुआ।
लेकिन इच्छा भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बनने की थी। पूणे में रहते हुए शुभम ने यूपीएससी की तैयारी की। दूसरे प्रयास में देश भर में अपना सफल्ता का परचम लहराते हुए टापर बने। शुभम अपने मां बाप के इकलौते बेटे हैं। एक बड़ी बहन भाभा एटोमेटिक रिसर्च सेंटर में विज्ञानी के पद पर रह चुकी हैं। वर्तमान में इंदौर में है। शुभम के पिता देवानंद व मां पूनम ङ्क्षसह ने खुशी से झूमते हुए कहा कि बेटे के घर पहुंचने पर उत्सव मनाएंगी। देर देर रात तक शुभम के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।