Teachers of Bihar : ...बदल गई शिक्षकों की प्रति धारणा; School on Mobile पर बिहारी गुरुओं ने जमाई धाक
Teachers of Bihar स्कूल ऑन मोबाइल कार्यक्रम के तहत शिक्षकों ने 900 क्लास का वीडियो को अपलोड किया। बिहार के 40 शिक्षकों ने लॉकडाउन में 50 दिन तक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया।
भागलपुर/बांका, जेएनएन। बिहार के सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को लेकर जनमानस में धारणा अच्छी नहीं है। लॉकडाउन के दौरान टीचर्स ऑफ बिहार (TOB) ग्रुप से जुड़े डेढ़ दर्जन गुरुओं की मेहनत ने सरकारी विद्यालय के बच्चों को बड़ी पूंजी उपलब्ध करा दी है। स्कूल ऑन मोबाइल (SOM) कार्यक्रम चलाकर इन शिक्षकों ने 50 दिन में पूरे 900 वीडियो लेक्चर सोशल साइट पर अपलोड किया।
छठी से आठवीं कक्षा तक के हजारों बच्चों ने ऑनलाइन कक्षाओं से अपना पढ़ाई पूरी की। छात्र के लिए सोशल साइट पर बड़ी पूंजी भी उपलब्ध हो गई। नौ जून को पढ़ाने के बाद कक्षाएं खत्म हुई और अब इस सोशल साइट प्लेटफार्म के माध्यम से अब शिक्षक उनका ऑनलाइन असेसमेंट कर रहे हैं। इन वीडियो को 25 हजार से ज्यादा छात्रों ने देखा और पसंद किया है।
हर दिन अपलोड हुआ 18 क्लास का वीडियो
टीचर्स ऑफ बिहार सोशल प्लेटफार्म में शामिल सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों ने स्कूल ऑन मोबाइल कार्यक्रम की चलाने का निर्णय लिया। बांका में खडि़हारा सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक उमाकांत कुमार को उसकी अगुवाई करने का मौका मिला। इसके लिए पहले डेढ़ दर्जन शिक्षकों को तकनीकी रूप से दक्ष किया गया। फिर 13 अप्रैल से उनकी नियमित रूप से कक्षाएं आयोजित होकर नौ जून तक चली। इस दौरान हर दिन छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के लिए छह-छह क्लास का वीडियो अपलोड किया गया।
बांका के पांच शिक्षकों ने दी ऑनलाइन शिक्षा
स्कूल ऑन मोबाइल कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे प्रधानाध्यापक उमाकांत कुमार बताते हैं कि पहले सभी विषय के लिए बिहार के विभिन्न विद्यालयों से 18 शिक्षक आगे आए। लेकिन पढ़ाई शुरू होने के बाद शिक्षकों की संख्या बढ़कर 40 तक पहुंच गई। खास बात यह कि बांका जिला के सर्वाधिक पांच शिक्षकों को इसमें पढ़ाने का मौका मिला। उन्होंने खुद बच्चों को विज्ञान पढ़ाया। इसके अलावा बौंसी सरूआ विद्यालय की रूबी कुमारी, बाराहाट लखपुरा के राघवेंद्र कुमार, खडि़हारा के विनोद कुमार राय, सिरमाटीकर की कविता कुमारी ने बच्चों को पढ़ाया। किसी ने दो-चार कक्षाएं ली तो किसी ने 50 से तक ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की। अब पढ़ाई पूरी कर बच्चों का ऑनलाइन ही मूल्यांकन किया जा रहा है।
सरकारी शिक्षकों का समूह
टीचर्स ऑफ बिहार (Teachers of Bihar- The change makers) के भागलपुर District Mentor खुशबू कुमारी ने कहा कि टीचर्स ऑफ बिहार (TOB) शिक्षकों का, शिक्षकों के लिए और शिक्षकों द्वारा संचालित सबसे बड़ा प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी है। खुशबू कुमारी भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय बलुआचक की शिक्षिका हैं। उन्होंने कहा कि टीचर्स ऑफ बिहार (TOB) सरकारी शिक्षकों का एक ऐसा समूह है जो सोशल मीडिया के विभिन्न मंच से बिहार के कर्तव्यनिष्ठ एवं नवाचारी शिक्षकों के प्रयासों को सभी के सामने साझा करती है।
ऑनलाइन त्रैमासिक मूल्यांकन शुरू
Teachers of Bihar (TOB) के फाउंडर शिव कुमार ने बताया कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) के इस वैश्विक महामारी के समय में जब सारे शिक्षण संस्थान बंद थे तब सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों ने मिलकर बिहार का पहला ऑनलाइन क्लास की शुरुआत की। जिसे स्कूल ऑन मोबाइल (SOM) नाम दिया गया था। इसके 50 दिन पूरे हो गए। अब छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। 10 जून से मूल्यांकन किया जा रहा है। ऑनलाइन मूल्यांकन प्रत्येक तीन माह पर होगा। इसमें वर्ग षष्ठ से वर्ग अष्टम तक के विद्यार्थियों को 30 मिनट में 30 प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। इसके बाद उन्हें तुरंत ई सर्टिफिकेट (E certificate) निर्गत किया जाता है। इस मूल्यांकन में सरकारी विद्यालयों के अलावा निजी विद्यालय के छात्र-छात्राएं भी शामिल हो सकते हैं। यहां बता दें कि शिव कुमार प्राथमिक विद्यालय अराप, बिक्रम पटना के शिक्षक हैं।