Unique: बच्चों को तनावमुक्त करने के लिए भागलपुर के डॉक्टर दंपती करवा रहा साइकिलिंग, इस तरह बीमारियों से मिल रहा छुटकारा
बच्चों को तनावमुक्त रखने के लिए डॉक्टर दंपती साइकलिंग करा रहे हैं। डॉ. ओबेद अली और उनकी पत्नी डॉ. वर्षा सिन्हा ने बताया कि बच्चों के मानसिक तनाव के कारण पढ़ाई पर भी इसका असर आना लाजमी है।
भागलपुर [अशोक अनंत]। कोरोना काल में बड़े हों या बच्चे सभी दहशत में हैं। ऐसे में शहर के एक डॉक्टर दंपती ने बच्चों को तनावमुक्त करने की तरकीब निकली है। इसके लिए उन्हें साइकिलिंग कराई जा रही है। प्रत्येक दिन की शुरुआत सुबह चार बजे से होती है। पांच बजे बच्चे आस्था राइडर्स क्लब में आते हैं, फिर होती है शहर की सैर। वह भी 10 से 12 किलोमीटर की। क्लब में 9 वर्ष के बच्चों से लेकर वयस्क भी शामिल हैं। इससे बच्चों को जहां सुबह उठने की आदत हो गई है, वहीं अब वे तनावमुक्त रहकर पढ़ाई भी करते हैं। वयस्क को भी कई रोग से राहत मिली है।
डॉ. ओबेद अली और उनकी पत्नी डॉ. वर्षा सिन्हा ने बताया कि गत डेढ़ वर्ष से कोरोना की वजह से बच्चे परेशान हैं। लॉकडाउन की वजह से स्कूल बंद है, घरों में बच्चे कैद हैं। इस स्थिति में बच्चों के मानसिक तनाव के कारण पढ़ाई पर भी असर आना लाजमी है। यह सोचकर डेढ़ माह पहले आस्था राइडर्स की टीम बनाई गई। कई मोहल्लों के बच्चों को शामिल कर प्रत्येक सुबह साइकिल से शहर की सैर की जाने लगी। धीरे-धीरे इस मुहिम में वयस्क भी शामिल होने लगे। अभी 25 से 30 लोग टीम में शामिल हैं।
सुबह पांच बजे से होती है साइकिल से सैर
सुबह चार बजे बच्चे उठ जाते हैं। एक-दूसरे को मोबाइल पर मैसेज कर उठाते हैं। फिर तातारपुर में क्लब से साइकिल से सैर प्रारंभ की जाती है। डॉक्टर दंपती भी आगे रहते हैं। स्टेशन होते हुए तिलकामांझी तक आते हैं। फिर मारवाड़ी कॉलेज, टीएनबी कॉलेज होते हुए क्लब के पास आकर सैर समाप्त हो जाती है।
ट्रैफिक नियम की भी हो रही जानकारी
बच्चों को इससे ट्रैफिक नियम की भी जानकारी मिल रही है। डॉ. वर्षा सिन्हा ने कहा कि घर मे बंद बच्चों को ट्रैफिक नियम की जानकारी नहीं रहती, क्योंकि जब स्कूल खुला रहता है तो बस या स्वजन बच्चों को स्कूल पहुंचते हैं। खुद साइकिल से यात्रा करने से उन्हें ट्रैफिक नियम की भी जानकारी हो रही है।
घुटनों के दर्द से मिला आराम
डॉ. ओबेद अली ने कहा कि जब से साइकिल चला रहे हैं घुटनों के दर्द से आराम मिला है। साइकिल चलाना संपूर्ण व्यायाम है। इससे हर अंग सक्रिय रहता है। खून का संचार भी बेहतर रहता है। शुगर कंट्रोल रहता है, नियमित साइकिल से यात्रा करने से मधुमेह के अलावा कई बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा।
पहले आठ बजे उठता था
नौंवीं क्लास के अमन ने कहा कि पहले सुबह आठ बजे उठता था, अब चार बजे उठ जाता हूं। इससे मेरा मन भी प्रसन्न रहता है, स्फूर्ति भी रहती है।
पढ़ाई में मन लगता है। पांचवी कलश की अदा ने कहा कि सुबह उठने और साइकिल चलाने से अच्छा लगता है। सुबह की हवा से मन प्रसन्न रहता है और पढऩे में भी मन लगता है।