परिवार नियोजन के लिए अनूठी पहल: सूर्यगढ़ा में पीएचसी बाजार से उपलब्ध करा रहा दवा, बंध्याकरण में हुई वृद्धि
जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लखीसराय में स्वास्थ्य विभाग आए दिन जागरूकता अभियान चला रहा है। अब परिवार नियोजन के लिए अनूठी पहल सूर्यगढ़ा में शुरू की गई है। सूर्यगढ़ा सीएचसी प्रबंधन लाभुकों को बाजार से जरूरी दवा खरीदकर कर उपलब्ध करा रहा है। इससे बंध्याकरण में वृद्धि हुई है।
संवाद सहयोगी, लखीसराय : कहने को तो परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। बंध्याकरण कराने वाली महिलाओं को दो हजार रुपये, प्रसव के एक सप्ताह के भीतर बंध्याकरण कराने वाली को तीन तीन हजार रुपये एवं नसबंदी कराने वाले पुरुष को तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उक्त राशि संबंधित लाभार्थी को बैंक खाता के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। लाभार्थी के बैंक खाता में राशि पहुंचने में करीब एक माह का समय लग जाता है। जबकि बंध्याकरण कराने वाली महिला एवं नसबंदी कराने वाले पुरुष का दवा आदि के मद में करीब दो हजार रुपये खर्च हो जाता है। इस कारण गरीब तबके के लोग राशि के अभाव में बंध्याकरण नहीं करा पाते हैं।
सूर्यगढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन ने चालू वित्तीय वर्ष से परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए बंध्याकरण मद में विभिन्न खर्च के मद में आने वाली राशि से ही बंध्याकरण कराने वाली महिला एवं नसबंदी कराने वाले पुरुष को अस्पताल से उपलब्ध होने वाली दवा के अलावा अन्य दवा बाजार से खरीदकर उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है। इस कारण विगत वित्तीय वर्ष की अपेक्षा चालू वित्तीय वर्ष में बंध्याकरण में वृद्धि हुई है। गत वित्तीय वर्ष में सूर्यगढ़ा सीएचसी में 894 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ था। चालू वित्तीय वर्ष में जनवरी 22 माह तक सूर्यगढ़ा सीएचसी में 993 महिलाओं का बंध्याकरण हो चुका है। शेष दो माह में पांच सौ और महिलाओं को बंध्याकरण करने का लक्ष्य है।
सूर्यगढ़ा सीएचसी में मिलने वाली अधिक सुविधा
अन्य अस्पतालों में बंध्याकरण कराने की इच्छुक महिलाओं एवं नसबंदी कराने के इच्छुक पुरुषों को निबंधन फार्म बाजार से खरीदना पड़ता है। गत वित्तीय वर्ष तक सूर्यगढ़ा सीएचसी में भी बाजार से ही फार्म खरीदना पड़ता था। चालू वित्तीय वर्ष से सूर्यगढ़ा सीएचसी प्रबंधन ही निबंधन संख्या अंकित निबंधन फार्म उपलब्ध करा रहा है। इससे निबंधन कराने वाली महिलाओं का निबंधन के अनुसार ही बंध्याकरण होता है।
पूर्व में हेपेटाइटिस-बी की जांच नहीं होती थी। बंध्याकरण की इच्छुक महिलाओं को दो सौ रुपये खर्च कर बाजार से इसकी जांच करानी पड़ती थी। चालू वित्तीय वर्ष से हेपेटाइटिस बी सहित बंध्याकरण के लिए तमाम जांच सूर्यगढ़ा सीएचसी में ही की जाती है। जांच रिपोर्ट संबंधित लाभार्थी को उपलब्ध नहीं कराकर सीधे निबंधन काउंटर पर उपलब्ध कराया जाता है। इससे लाभार्थियों का आर्थिक दोहन नहीं होता है।
प्रोटीन एवं मल्टी विटामिन के नाम पर आशा कार्यकर्ता एवं आस-पास के दुकानदार बंध्याकरण कराने वाली महिला के स्वजनों से दो हजार रुपये तक वसूल कर लेते थे। चालू वित्तीय वर्ष से सूर्यगढ़ा सीएचसी प्रबंधन बंध्याकरण कराने वाली महिलाओं को अस्पताल की राशि से ही खरीदकर विटामिन एवं मल्टी विटामिन आदि दवा उपलब्ध करा रहा है।
'बंध्याकरण शिविर में कंबल, चादर एवं अन्य मद में सरकार राशि उपलब्ध कराती है। उक्त राशि खर्च नहीं होने के कारण वापस कर दी जाती थी परंतु चालू वित्तीय वर्ष से उक्त राशि का सदुपयोग किया जा रहा है। कंबल एवं चादर तो अस्पताल से ही उपलब्ध करा दिया जाता है। सुबह-शाम शिविर में जाकर बंध्याकरण कराने वाली महिलाओं एवं नसबंदी कराने वाले पुरुषों की समस्याएं सुनकर उसे दूर किया जाता है।'- अनिल कुमार कुशवाहा, प्रबंधक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सूर्यगढ़ा