यात्रियों की बल्ले-बल्ले, मार्च से चलेगी दो जोड़ी ईएमयू
भागलपुर से किऊल के बीच की 98 किमी की दूरी पैसेंजर ट्रेनों को पूरा करने में चार से पांच घंटे लगते हैं। वहीं मार्च से यह दूरी महज ढाई से तीन घंटे में पूरी होगी।
भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर-किऊल तक विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद इस खंड पर ईएमयू (इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) सवारी गाड़ी चलाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। किऊल-जमालपुर के बीच इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रॉयल होने के बाद बिजली इंजन से ट्रेन चलाने का रास्ता साफ हो गया है। अब इस खंड पर पहले चरण में मार्च से दो जोड़ी ईएमयू चलाने की योजना है।
अभी जहां भागलपुर से किऊल के बीच की 98 किमी की दूरी पैसेंजर ट्रेनों को पूरा करने में चार से पांच घंटे लगते हैं। वहीं, मार्च से यह दूरी महज ढाई से तीन घंटे में पूरी होगी। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) 10 मार्च से पहले इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाकर निरीक्षण करेंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। सीआरएस के रिपोर्ट के बाद इलेक्ट्रिक इंजन से परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।
जल्द पकड़ती है रफ्तार
लोकल यात्री जल्द ही न सिर्फ कम समय में गंतव्य स्थल तक पहुंचेंगे बल्कि सुखद यात्रा करेंगे। रेलवे ने ईएमयू ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। ईएमयू डीजल इंजन से चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों की तुलना किसी स्टेशन पर रुकने के बाद जल्द रफ्तार पकड़ती है। इसमें कोच ज्यादा होते हैं और तीन इंजन लगे रहते हैं। इस कारण रफ्तार तुरंत पकड़ती है।
जसीडीह-किऊल ईएमयू का होगा विस्तार
इलेक्ट्रिक लाइन चालू होने के बाद जसीडीह-किऊल के बीच चलने वाली ईएमयू का विस्तार भागलपुर तक होगा। दरअसल, किऊल जंक्शन ईएमयू की रैक खड़ी रहती है। ऐसे में इसे भागलपुर तक चलाने की योजना है। इसके अलावा जमालपुर-किऊल के बीच चलने वाली डीएमयू को ईएमयू में बदला जाएगा और भागलपुर तक यह ट्रेन चलेगी।
सहायक इलेक्ट्रिक अभियंता अपूर्वा श्रीवास्तव ने कहा कि विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के लिए पत्र भेजा गया है। इंजन का ट्रॉयल जमालपुर तक हो गया है। मार्च से इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।