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खतरे से खाली नहीं है एनएच 106 पर यात्रा... जगह-जगह गड्ढे और कीचड़ में सनी सड़के हादसे को दे रहा आमंत्रण

एनएच-106 की स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है। हालत यह है कि लोग अपने सफर में एनएच की बजाय ग्रामीण सड़कों को ही अधिक तरजीह दे रहे हैं। इस पर यात्रा करना लोग खतरे को निमंत्रण देना मानते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 05:08 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 05:08 PM (IST)
खतरे से खाली नहीं है एनएच 106 पर यात्रा... जगह-जगह गड्ढे और कीचड़ में सनी सड़के हादसे को दे रहा आमंत्रण
एनएच-106 की स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है।

 जागरण टीम, सुपौल। निर्माणाधीन एनएच 106 राहगीरों के लिए कोढ़ में खाज बन चुका है। कई वर्षों से निर्माण कार्य की सुस्त रफ्तार अब लोगों को अखडऩे लगी है। हालत यह है कि लोग अपने सफर में एनएच की बजाय ग्रामीण सड़कों को ही अधिक तरजीह दे रहे हैं। इसपर यात्रा करना लोग खतरे को निमंत्रण देना मानते हैं।

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वीरपुर अनुमंडल क्षेत्र में लंबे समय से निर्माण कार्य जारी रहने के बावजूद सवारी गाडिय़ों और मालवाहक वाहनों को अब भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वीरपुर से राघोपुर प्रखंड के सिमराही तक तो बारिश के महीने में जगह-जगह जलभराव एवं कीचड़ में सनी सड़क राहगीरों से लेकर स्थानीय व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। भीमनगर से राघोपुर तक अभी तक पूर्ण निर्माण कार्य नहीं हो पाया है। कहीं मिट्टी डालकर छोड़कर दिया गया है तो कहीं मिट्टी के साथ मिक्स गिट्टी बिछा हुआ है। कहीं-कहीं पीङ्क्षचग हुआ है तो कुछ जगहों पर तो एक तरफ मिट्टी डालकर सड़क को ऊंचा कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ हल्की बारिश होते ही तालाब सा नजारा दिखने लगता है। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि सड़क पर कच्छप गति से जारी निर्माण कार्य के दौरान जगह-जगह मिट्टी डाल कर छोड़ दिया गया है। बारिश में मिट्टी गीली होकर कीचड़ में तब्दील हो गई है। वाहनों के आवागमन से इसकी स्थिति बदतर हो गई है। बारिश के बाद उड़ती धूल परेशानी का कारण बन जाती है। लोगों का कहना है कि मानसून अभी परवान भी नहीं चढ़ा है। जब शुरुआती दौर में ही यह हालत है तो मानसून के जोर पकडऩे के बाद एनएच 106 पर आवागमन खतरे से खाली नहीं रहेगा।

निर्माण के लिए निर्धारित हुआ था महज 36 महीने का समय

भागलपुर जिले को कोसी के जिलों से जोडऩेवाली बिहपुर-वीरपुर एनएच 106 के निर्माण के लिए निर्माण कंपनी से मात्र 36 माह का समय निर्धारित हुआ था। एनएच का निर्माण ईपीसी मोड पर हो रहा है। यानी, जिस कांट्रेक्टर को कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उन्हें खुद से डिजाइङ्क्षनग, कंस्ट्रक्शन व रोड निर्माण करना है। इस रोड को बनाने के लिए कंपनी से एग्रीमेंट काफी पहले हो चुका था। एनएच निर्माण की जिम्मेदारी आइएल एंड एफएस इंजीनियङ्क्षरग एंड कंस्ट्रक्शन को मिली थी। एनएच 106 का निर्माण वल्र्ड बैंक की राशि से हो रहा है। इस मार्ग पर लगभग 70 पुलों का निर्माण हो गया है।

मार्ग पर राघोपुर और मानिकपुर रेलवे ढाला के पास ऊपरी पुल की स्वीकृति भी पहले ही मिल चुकी थी, लेकिन अब तक आधा निर्माण भी नहीं हुआ है। बिहपुर से वीरपुर तक लगभग 675 करोड़ की लागत से 130 किलोमीटर में से 106 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है। बता दें कि 15 साल पूर्व कोसी क्षेत्र को एनएच के रूप में दो सौगात मिली थी। पहली एनएच 106 वीरपुर-बिहपुर सड़क और दूसरी एनएच 107 महेशखूंट-पूर्णिया सड़क। दोनों एनएच का शिलान्यास एक ही दिन एक ही समय एक ही जगह हुआ था। पांच जुलाई 2001 को सांसद शरद यादव ने राष्ट्रीय राजमार्ग का शिलान्यास मधेपुरा के बीपी मंडल चौक पर किया था।

एनएच की वर्तमान दशा

वर्तमान में यह सड़क ङ्क्षसगल लेन है, वह भी उबड़-खाबड़। शिलान्यास के बाद विभागीय उदासीनता के कारण एनएच का निर्माण कार्य नहीं हो सका। ङ्क्षसगल लेन की सड़क होने के कारण वाहन चालकों को बड़ी फजीहत झेलनी पड़ती है। खासकर बरसात के दिनों में मुश्किलें बढ़ जाती है। सबसे बुरा हाल सुपौल जिले के सिमराही बाजार, पिपरा और करजाइन बाजार का है। सिमराही बाजार में जहां एक तरफ एनएच 57 से उतरकर लोग वीरपुर और नेपाल के लिए एनएच 106 पर मुड़ते है वहीं पर एनएच 106 के मेन रोड पर ही कई किलोमीटर तक सिर्फ कीचड़ और जलजमाव का ²श्य देखने को मिलता है। यही वजह है कि इस एनएच 106 पर आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। बिहपुर से वीरपुर एनएच 106 का निर्माण शुरू हो गया है निर्माण कार्य कब शुरू होता है और कब रुक जाता है या बंद हो जाता है, ये किसी को भी नहीं मालूम।  


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