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खगड़िया-बरौनी रेलखंड पर क्षतिग्रस्त रेल पुल पर हो रहा है ट्रेन परिचालन

बूढ़ी गंडक नदी पर बना 107 वर्ष पुराना क्षतिग्रस्त रेल पुल किसी अनहोनी को आमंत्रित कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 02:27 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 06:32 AM (IST)
खगड़िया-बरौनी रेलखंड पर क्षतिग्रस्त रेल पुल पर हो रहा है ट्रेन परिचालन

(कौशल किशोर सिंह), खगड़िया। खगड़िया-बरौनी रेलखंड के उमेशनगर स्टेशन के पास बूढ़ी गंडक नदी पर बना 107 वर्ष पुराना क्षतिग्रस्त रेल पुल किसी अनहोनी को आमंत्रित कर रहा है। मालूम हो कि पुल का एक पीलर दो वर्ष से क्षतिग्रस्त था। एक सप्ताह पूर्व इस पुल के पानी के अंदर वाले क्षतिग्रस्त पीलर का मरम्मत किया गया।

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रेलवे सूत्रों के अनुसार इस दौरान रेल पुल के दूसरे पीलर की जब इंजीनियरों ने जांच की तो पता चला कि वह भी क्षतिग्रस्त है। इस कारण अभी भी यहां कौशन पर 30 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाई जा रही है।

बताते चलें कि खगड़िया-बरौनी रेलखंड के उमेशनगर स्टेशन के निकट मीटर गेज रेल पुल का निर्माण 1912 ई में हुआ था। छोटी लाइन की ट्रेनों के परिचालन के लिए बूढ़ी गंडक नदी पर जिस समय पुल का निर्माण हुआ था, उस समय ट्रेनों के परिचालन की अधिकतम सीमा 70 किलोमीटर प्रति घंटा थी। जबकि वर्तमान में 110 किलोमीटर गति सीमा के आधार पर रेल पुल का निर्माण हो रहा है।

मालूम हो कि दो वर्ष पूर्व रेल अधिकारियों को बूढ़ी गंडक नदी पर बने मीटर गेज पुल का पीलर क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिल गई थी। जिसके कारण 23 नवंबर 2017 से ही पुल पर ट्रेन का परिचालन 30 किमी की रफ्तार से किया जा रहा है। रेलवे के अधिकारियों की उदासीनता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि वर्ष 2018 में ही पीलर के पानी के ऊपरी एवं नीचे वाले हिस्से को दुरुस्त किया जाना था। जबकि वर्ष 2018 में क्षतिग्रस्त पीलर के ऊपरी हिस्से का ही मरम्मत हुआ। पानी के अंदर वाले हिस्से को बीते वर्ष दुरुस्त नहीं किया जा सका। इधर आठ मई 19 को पूर्व मध्य रेल हाजीपुर के महाप्रबंधक ने सोनपुर मंडल के डीआरएम को चेताया कि, पुल की भयावह स्थिति है। इसलिए पुल पर ट्रेन के परिचालन का कौशन 30 किमी से घटाकर 15 किमी किया जाए। महाप्रबंधक की चेतावनी के बाद सोनपुर मंडल के अधिकारियों की नींद टूटी एवं मई के अंतिम सप्ताह में क्षतिग्रस्त पीलर के पानी के अंदर के हिस्से का मरम्मत कार्य पूरा हुआ। मरम्मत कार्य पूरा होने बाद जब दूसरे पीलर की जांच की गई तो पता चलता कि वह भी क्षतिग्रस्त है। खगड़िया स्टेशन प्रबंधक प्रवीण कुमार ने स्वीकार किया कि बूढ़ी गंडक रेल पुल पर अब 30 किमी कौशन पर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। क्षतिग्रस्त दूसरे पीलर को लेकर वरीय अधिकारी ही कुछ कह सकते हैं।


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