बांका में किसानों से धान खरीदने आ रहे बंगाल से आंध्रप्रदेश तक के व्यापारी, पैक्स का नहीं मिल रहा लाभ
बांका में धान की खरीद पैक्स में सहजता से नहीं हो रही है। किसान के भंडारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण वे मंडी में धान 11 से 12 सौ रूपये क्विंटल बेच रहे हैं। यहां के मंडी में बंगाल से लेकर आंध्रप्रदेश तक के व्यापारी आ रहे हैं।
बांका, [राहुल कुमार]। कई साल बाद बांका में खूब उपजा धान बेमोल हो गया है। किसानों को धान का कीमत मुश्किल से 11 से 12 रूपया प्रति ङ्क्षक्वटल नसीब हो रहा है। बांका के खेतों में उपजे सस्ते धान ने बंगाल, आंध्रप्रदेश से लेकर उड़ीसा और झारखंड तक के व्यापारी का ध्यान खींचा है। रजौन, विजयहाट, मन्नीहाट आदि हाट का अधिकांश धान अभी बंगाल पहुंच रहा है। बंगाल के बर्धमान जिला में स्थापित करीब 500 राइस मिल में अधिकांश अभी बांका के धान पर ही निर्भर है। रजौन धान मंडी में बुधवार को पहुंचे व्यापारियों ने बताया कि बांका का सारा धान अभी बंगाल और आंध्रप्रदेश ही जा रहा है। व्यापारी के मुताबिक किसी प्रदेश में अभी धान की कीमत 18 सौ रूपये से कम नहीं है। केंद्र सरकार ने भी धान का न्यनूतम समर्थन मूल्य 1868 रूपये प्रति ङ्क्षक्वटल घोषित कर रखा है। लिहाजा, सभी राज्य में इसकी कीमत 18 से 19 सौ रूपये ङ्क्षक्वटल के आसपास ही है। बिहार के बांका में अभी धान 12 से 13 सौ रूपया प्रति ङ्क्षक्वटल में आसानी से उपलब्ध है। ऐसे में सौ से दो सौ रूपया ङ्क्षक्वटल किराया के बाद भी आंध्र और बंगाल में पहुंच धान सस्ता पड़ रहा है।
क्रय केंद्र 30 दिन में खरीद सका दो प्रतिशत धान
पिछले कुछ सालों से बांका में धान खरीद का लक्ष्य 86 हजार एमटी रहा है। पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने बिहार का लक्ष्य बढ़ाया। इससे बांका का धान खरीद लक्ष्य भी एक लाख 20 हजार एमटी कर दिया गया है। हालांकि पिछले कई सालों से प्रशासनिक सुस्ती के कारण कभी भी जिला में किसानों से लक्ष्य के अनुरूप धान नहीं खरीद हो सका। इसका सीधा नुकसान किसानों को होता रहा है। इस बार कोरोना काल में किसान सबसे अधिक सात सौ रूपया प्रति ङ्क्षक्वटल तक नुकसान उठा रहे हैं। प्रशासन की खरीद रफ्तार से मार्च तक 10 हजार एमटी धान खरीदना भी मुश्किल होगा। पहले महीने में खरीद लक्ष्य का दो प्रतिशत हो सका है।
हाट में धान बेचने आए किसान शंकर यादव, अशोक राम, प्रकाश मंडल आदि ने बताया कि हाट के बाद धान को 12 सौ रूपया कीमत मिल रहा है। किसानों के इस नुकसान को देखने वाला कोई नहीं है। खेती और पारिवारिक काम से धान बेचना उनकी मजबूरी है। किसी को गेहूं का खाद-बीज खरीदना है तो किसी के घर बेटी की शादी है। पैक्सों ने किसानों से पहले बाजार से धान खरीद अपना गोदाम भर रखा है।
क्या कहते हैं मंडी मालिक
मंडी मालिक सूर्य नारायण यादव ने कहा कि रजौन हाट में इस बार धान आवाक अधिक है। इसे खरीदने उनके पास आंध्रप्रदेश, बंगाल, उड़ीसा, झारखंड तक के व्यापारी आ रहे हैं। उनकी मंडी से हर दिन लोडर के माध्यम से धान बंगाल और आंध्रप्रदेश जा रहा है।
बोले जिला सहकारिता पदाधिकारी
जिला सहकारिता पदाधिकारी अरूण कुमार ने कहा कि धान खरीद का लक्ष्य 1.2 लाख एमटी हो गया है। 141 पैक्स और तीन व्यापार मंडल के माध्यम से धान खरीद शुरू कराना है। अब तक 24 सौ एमटी धान खरीद हो चुका है। लगातार इसमें गति लाने का प्रयास जारी है। बचे पैक्स में भी अगले सप्ताह तक खरीद शुरु हो जाएगी।