TOB Foundation Day : डॉ. पवन सिन्हा 'गुरुजी' ने कहा - गुरु शिष्य परंपरा का हो रहा निर्वह्न
TOB Foundation Day टीचर्स ऑफ बिहार की स्थापना 23 जनवरी 2019 को किया गया है। इसके फाउंडर शिव कुमार ने बताया कि बिहार के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों का यह एक समूह है। यह समूह शिक्षकों और छात्रों के लिए समर्पित हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। टीचर्स ऑफ बिहार (टीओबी) का द्वितीय स्थापना दिवस 23 जनवरी 2021 को मनाया गया। इस अवसर पर ऑनलाइन समारोह हुआ। इसमें सरकारी विद्यालयों के शिक्षक जुड़े। सभी ने इन ग्रुप के द्वारा किये गए कार्यों की चर्चा की। आगामी योजनाओं की जानकारी दी। टीचर्स ऑफ बिहार के द्वितीय स्थापना दिवस राज्य भर के शिक्षाविदों एवं शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने शुभकामनाओं की झड़ी लगा दी गयी। हर तरफ से टीचर्स ऑफ बिहार मंच के कार्यो को सराहा जा रहा है।
गुणात्मक शिक्षा संचालन
Teachers of Bihar (TOB) के फाउंडर शिव कुमार हैं। उन्होंने सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों का एक ग्रुप 23 जनवरी 2019 बनाया था, जो आज बड़े पैमाने पर प्रसिद्ध हो चुका है। शिव कुमार प्राथमिक विद्यालय अराप, बिक्रम पटना के शिक्षक हैं। कोरोना काल में इस ग्रुप से जुड़े शिक्षकों ने ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को शिक्षित किया था। आगे भी गुणात्मक शिक्षा संचालन के लिए टीचर्स ऑफ बिहार कटिबद्ध है। लगातार शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां तक कि बिहार सरकार के सभी शिक्षा कार्यक्रम यह ग्रुप काफी सक्रियता से पालन करती है और इसे लागू कराती है। निष्ठा प्रोग्राम को भी यह ग्रुप सहयोग कर रहा है।
शिक्षकों का सबसे बड़ा प्लेटफार्म
टीचर्स ऑफ बिहार (Teachers of Bihar- The change makers) के भागलपुर District Mentor खुशबू कुमारी (भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय बलुआचक की शिक्षिका) ने कहा कि टीचर्स ऑफ बिहार (TOB) शिक्षकों का, शिक्षकों के लिए और शिक्षकों द्वारा संचालित सबसे बड़ा प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी है। TOB सरकारी शिक्षकों का एक ऐसा समूह है जो बिहार के कर्तव्यनिष्ठ एवं नवाचारी शिक्षकों के प्रयासों को भी साझा करती है।
मील का पत्थर साबित होगा मंच का कार्य
टीचर्स ऑफ बिहार के स्थापना दिवस पर अध्यात्मिक गुरु डॉ. पवन सिन्हा 'गुरुजी' ने TOB इंटरनेट मीडिया के लाइव कार्यक्रम में हिस्सा लिया। गुरुजी ने टीचर्स ऑफ बिहार के तारीफ का पुल बांधा है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधन और निश्वार्थ भाव से इस मंच द्वारा जो कार्य किए जा रहे वह आने वाले दिनों में मील का पत्थर साबित होगा।
राज्य में फिर चल पड़ेगा गुरु शिष्य आचार्य परंपरा
गुरुजी ने कहा कि जिस तरह से यह मंच राज्य में शिक्षा एवं शैक्षणिक कार्यो को बेहतर रूप प्रदान करने में लगी है वो दिन दूर नहीं जब फिर से बिहार में गुरु शिष्य-आचार्य की परंपरा का दौर चल पड़ेगा। गुरू जी ने टीचर्स ऑफ बिहार के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। यह मंच आपसी सहयोग और मेहनत का प्रतीक है। मात्र दो साल में ही टीचर्स ऑफ बिहार ने बिहार के सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को प्रोत्साहित करने एवं उनके नवाचारों को आगे लाने का कार्य किया है।
गैर शैक्षणिक कार्य से गुणवत्ता हुई है प्रभावित
इस फेसबुक लाइव कार्यक्रम का संचालन नम्रता मिश्रा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों के शिक्षकों द्वारा भी डॉ पवन सिन्हा 'गुरुजी' से बहुतों प्रश्न पूछे गए। उन्होंने इस इस सत्य को स्वीकार किया कि शिक्षकों को शिक्षण कार्य से इतर कार्यो में संलिप्त कर देने के कारण शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित हुई है। शिक्षकों के लिए इन विरोधाभासी परिस्थितियों के अनुसार अनुकूलन स्थापित करने के अलावा फिलहाल और कोई उपाय नज़र नही आता। पर आने वाले दिनों में यह स्थिति जरूर बदलेगी। तब तक के लिए शिक्षकों को अपने अंदर के शिक्षकत्व को बचाये रखना होगा। शैक्षणिक कार्य को गुणवत्तापूर्ण बनाए रखने के लिए लगातार अध्ययन और अध्यापन का के कार्यो में लगे रहने की जरूरत है। शिक्षिका खुशबू कुमारी ने भी डॉ पवन सिन्हा 'गुरुजी' ने प्रश्न पूछे।