TMBU: हॉस्टल में रहने के लिए छात्रों 'कोराना नहीं है' का देना होगा शपथ पत्र, केवल इन लोगों को रहने की मिलेग अनुमति
TMBU तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोरोना से बचाव को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है। हॉस्टल में रहने की अवधि के दौरान यदि कोई विद्यार्थी को कोरोना संक्रमण अपनी चपेट में लेता है तो उन्हें तत्काल हॉस्टल खाली करना होगा।
भागलपुर, जेएनएन। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के हॉस्टल में विद्यार्थियों को रहने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। हॉस्टल में ऐसे ही छात्र-छात्राएं रह पाएंगी, जिनकी या तो परीक्षाएं हैं या जिनकी ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो गई है। उन्हेें हॉस्टल में रहने के लिए कोविड-19 निगेटिव सेल्फ डिक्लिरेयेशन सर्टिफिकेट देना होगा। इसके अलावा कोविड के नियमों का पालन करने के लिए अंडरटेकिंग लिया जाएगा। तभी उन्हें हॉस्टल में रहने की अनुमति प्रदान की जाएगी। डीएसडब्ल्यू डॉ. राम प्रवेश सिंह ने शनिवार को टीएमबीयू के सभी स्नातक पुरूष छात्रावास के वार्डेन, अधीक्षक और अधीक्षिका को निर्देश जारी कर दिए हैं।
टीएमबीयू के पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर ने बताया कि हॉस्टल में रहने की अवधि के दौरान यदि कोई विद्यार्थी को कोरोना संक्रमण अपनी चपेट में लेता है तो उन्हें तत्काल हॉस्टल खाली करना होगा। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन की कोई जवाबदेही नहीं होगी। इस अवधि में हॉस्टल में बाहर के लोगों का प्रवेश भी निषेध रहेगा। वहीं परीक्षा या कक्षा समाप्त होने की स्थिति में तीन दिनो के भीतर हॉस्टल खाली करना होगा। उक्त निर्देशों का पालन कराने को लेकर डीएसडब्ल्यू ने सभी अधीक्षकों व वार्डेन को मौखिक रुप से निर्देशित किया है। ताकि इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।
एमएड कोर्स में नामांकन के लिए 13 दिसंबर को होगी प्रवेश परीक्षा
जासं, भागलपुर : टीएमबीयू के परीक्षा विभाग ने एमएड नामांकन लेने वाले विद्यार्थी के लिए प्रवेश परीक्षा की तिथि जारी कर दी है। 13 दिसंबर को परीक्षा का आयोजन होगा। परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए छह दिसंबर से ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें हिस्सा लेने वाले विद्यार्थी आठ दिसंबर से 12 दिसंबर तक परीक्षा का एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। इस मामले में सीसीडीसी डॉ. केएम सिंह ने कहा कि एमएड नामांकन को लेकर सभी बीएड कॉलेजों को पत्र लिखा गया है। एमएड की पढ़ाई अभी केवल टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, घंटाघर और एक निजी बीएड कॉलेजों में होती है। पूर्व में तत्कालीन प्रभारी कुलपति डॉ. अजय कमार सिंह ने इसके लिए निर्देश जारी किया था।