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TMBU छात्रसंघ चुनाव : न छात्र राजद को बहुमत और न अभाविप को

कार्यसमिति के 11 सदस्य में सात परिषद और चार छात्र राजद के चुने गए हैं। एक तरह से इस चुनाव में छात्रों ने ऐसे संघ का चुनाव किया है जिसमें कुछ भी एकतरफा नहीं होगा।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 06:02 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 09:33 PM (IST)
TMBU छात्रसंघ चुनाव : न छात्र राजद को बहुमत और न अभाविप को
TMBU छात्रसंघ चुनाव : न छात्र राजद को बहुमत और न अभाविप को

भागलपुर [जेएनएन]। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में न तो छात्र राजद को बहुमत मिला और न ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को बहुमत मिल पाया है। विवि छात्रसंघ के पांच पदों और 11 कार्यसमिति सदस्यों के लिए हुए चुनाव में संख्या के आधार पर विद्यार्थी परिषद भले ही आगे रही, लेकिन अध्यक्ष के पद पर छात्र राजद के समर्थित उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। पांच पदों में तीन परिषद समर्थित उम्मीदवार और दो छात्र राजद समर्थित उम्मीदवारों ने जीते।

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कार्यसमिति के 11 सदस्य में सात परिषद और चार छात्र राजद के चुने गए हैं। एक तरह से लोकतंत्र की पहली सीढ़ी कहे जाने वाले इस चुनाव में छात्रों ने ऐसे संघ का चुनाव किया है जिसमें कुछ भी एकतरफा नहीं होगा। यानी पूरी पैनल में किसी निर्णय को लेकर किसी एक की मनमानी नहीं चलेगी। लेकिन दूसरा पहलू यह भी है कि परिषद और छात्र राजद बिल्कुल दो अलग-अलग विचारधारा के संगठन हैं। ऐसे में शांतिपूर्ण तरीके से पैनल का संचालन आसान नहीं होगा।

इसकी बड़ी वजह यह भी है कि पांच प्रमुख पदों में अध्यक्ष और संयुक्त सचिव का पद छात्र राजद समर्थित उम्मीदवारों ने जीता है लेकिन महासचिव, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष का पद एबीवीपी समर्थित प्रत्याशियों ने जीता है। कार्यसमिति सदस्यों में सात एबीवीपी समर्थित और चार छात्र राजद समर्थित हैं। पिछली बार पूरा पैनल एबीवीपी ने जीता था। इसलिए किसी भी मुद्दे पर अध्यक्ष को पूरा समर्थन मिलता था। लेकिन इस बार सेंट्रल पैनल का संचालन टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

आक्रामक दिखा छात्र राजद, डिफेंसिव मोड में विद्यार्थी परिषद
अंगीभूत कॉलेजों और पीजी विभागों के छात्र संघ रिजल्ट आने के बाद से छात्र राजद के कार्यकर्ता आक्रामक दिखे। एक-एक वोट के लिए तब तक लड़ते रहे, जब तक विवि पैनल के चुनाव में छात्र राजद की जीत नहीं हो गई। विवि छात्र राजद अध्यक्ष दिलीप कुमार के नेतृत्व में छात्र राजद के कार्यकर्ता विवि परिसर में मुस्तैदी के साथ अंत तक डटे रहे। अपने काउंसलर को एक-एक कर मतदान केंद्र पर भेजते रहे। छात्र राजद की ओर से विद्यार्थी परिषद के काउंसलरों को भी अपनी ओर करने का प्रयास किया गया। वहीं परिषद कार्यकर्ताओं को सात फरवरी को होने वाले चुनाव के दौरान भी डर सता रहा था। कारण था परिषद के एक-दो काउंसलर अपना पाला बदल चुके थे। डर के कारण एक काउंसलर मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच पाई। वहीं हाल शनिवार के चुनाव के दौरान भी देखने को मिला।


शनिवार को मतदान सुबह नौ बजे से शुरू होना था, लेकिन दोनों संगठनों के कार्यकर्ता काफी पहले ही विवि पहुंच गए थे। रविन्द्र भवन जाने वाली सड़क पर स्थित गेट पर ही वोटर की जांच कर मतदान स्थल केंद्रीय पुस्तकालय भेज जा रहा था। पूरे चुनाव के दौरान सिटी डीएसपी केंद्रीय पुस्तकालय में ही जमे रहे।


छात्र संघ विवि पैनल के चुनाव को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। चुनाव में सुरक्षा के इंतजाम का तो असर दिखा ही, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष पर हुए हमले की प्राथमिकी का प्रभाव भी दिख। विद्यार्थी परिषद के जिन आठ कार्यकर्ताओं पर विवि ने नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है, वे चुनाव स्थल से दूर रहे। परिषद नेता कुणाल तिवारी, करन शर्मा और ओम कुमार थोड़ी देर के लिए प्राशसनिक भवन पहुंचे, लेकिन उसके बाद नजर नहीं आए। बताया गया कि जिन कार्यकर्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज हुई है, वे सराय चौक से चुनाव पर नजर रख रहे थे। गेस्ट हाउस की तरफ वाला गेट बंद रहने और रविन्द्र भवन के पास बेरिकेडिंग रहने से छात्र संगठनों ने विवि प्रशासनिक भवन कैंपस में ही अपना डेरा जमाए रखा। प्रशासनिक भवन के ठीक सामने परिषद कार्यकर्ता जमे रहे तो दायीं ओर छात्र राजद के कार्यकर्ता कैम्प कर रहे थे।

दो काउंसलर वोट करने नहीं आए
छात्र संघ के विवि पैनल के चुनाव में 45 वोट ही पड़े। चुनाव में 47 काउंसलर को वोट करना था, लेकिन दो काउंसलर वोट करने नहीं आए। बताया गया कि इनमें से एक काउंसलर विद्यार्थी परिषद समर्थक नेहा कुमारी और दूसरा छात्र राजद समर्थक राहुल ठाकुर है। नेहा एमएएम कॉलेज की वही छात्रा है, जिसके बदले में सात फरवरी को फर्जी वोट पड़ा था। जबकि राहुल मुरारका कॉलेज सुल्तानगंज का छात्र है। उसके वोट नहीं करने आने की वजह का पता नहीं चल पाया। नेहा कुमारी के नहीं आने की अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थी। क्योंकि उसके ऊपर विवि ने कार्रवाई करने की तैयारी कर रखी थी।

हालांकि परिषद कार्यकर्ता शनिवार की सुबह ही उनके घर पहुंच गए थे और अपने साथ वोट कराने लाने वाले थे। लेकिन छात्रा में परिजनों ने बाद में उसे भागलपुर भेजने से मना कर दिया। हालांकि परिषद ने आरोप लगाया कि सात फरवरी की तरह इस बार भी उसे रोका गया। इधर परिषद समर्थित काउंसलर एसएम कॉलेज की नेहा कुमारी ने पिता के श्राद्ध कर्म के बीच विवि पैनल के लिए वोट किया। वह सात फरवरी को हुए चुनाव में भी वोट करने आई थी, जबकि उसके पिता का देहांत एक दिन पहले हो गया था। परिषद कार्यकर्ताओं ने बताया कि नेहा को आरा से लाकर वोट करवाया गया।
 


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