TMBU : इन तीन कॉलेजों को मिला पीजी का दर्जा, सिंडिकेट की बैठक में लगी मुहर
TMBU तिमांविवि में सिंडिकेट की बैठक हुई। बैठक में एसएम मारवाड़ी और टीएनबी कॉलेज के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाई गई। इन तीन कॉलेजों में अब पीजी की पढ़ाई होगी। एसएम कॉलेज के प्राचार्य ने उठाई थी मांग।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के तीन कॉलेजों को पीजी कॉलेज का दर्जा मिल गया है। इसमें सुंदरवती महिला महाविद्यालय (एसएम कॉलेज), मारवाड़ी कॉलेज और टीएनबी कॉलेज शामिल हैं। इस संबंध में सिंडिकेट की बैठक में अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों ने अपनी मुहर लगा दी है। अन्यान्य मुद्दे पर यह मांग पूर्व में एसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रमन सिन्हा ने उठाई थी। उन्होंने कहा था कि पीजी पढ़ाने वाले कॉलेजों को इसका दर्जा मिलना चाहिए।
पीजी विभागाध्यक्षों की बैठक में शामिल होंगे कॉलेज के पीजी विभागाध्यक्ष
प्राचार्य डॉ. सिन्हा ने पूर्व में बैठक के दौरान कहा था कि टीएमबीयू में जब भी पीजी विभागाध्यक्षों की बैठक होती है तो कॉलेज के पीजी विभागाध्यक्षों को नहीं बुलाया जाता है। ऐसे में कई महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी सही समय पर कॉलेजों को नहीं मिल पाती है। ऐसी स्थिति में छात्राओं को काफी दिक्कत होती है। उन्होंने प्रभारी कुलपति से मांग की थी कि ऐसी किसी भी बैठक में कॉलेजों के भी पीजी विभागाध्यक्षों को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि व्यवस्थाएं सुचारू से चल सकें। इस पर भी सिंडिकेट की बैठक में अंतिम मुहर लग गई है।
गर्माया हुआ है क्वार्टर का मुद्दा
टीएमबीयू द्वारा क्वार्टर आवंटन में एसएम कॉलेज के दावे को शामिल नहीं किए जाने का मुद्दा गर्माया हुआ है। इस लेकर एसएम कॉलेज में आयोजित पूर्ववर्ती छात्र एसोसिएशन के कार्यक्रम में भी यह मुद्दा जोर-शोर से उठा था। इस संबंध में कुछ शिक्षकों ने दावे में एसएम कॉलेज को भी रखे जाने की मांग प्रभारी कुलपति से करने की बात कही। क्वार्टर आवंटन में पीजी शिक्षकों के बाद टीएनबी, मारवाड़ी और बीएन कॉलेज के ही शिक्षक और कर्मी अपना दावा कर सकते हैं।
डॉ. राघवेन्द्र बने ग्रामीण अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के पीजी ग्रामीण अर्थशास्त्र विभाग का नया विभागाध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र कुमार सिंह को बनाया गया है। इसकी अधिसूचना टीएमबीयू के कुलसचिव डॉ. निरंजन प्रसाद यादव ने जारी की है। रोटेशनल हेडशिप के आधार पर डॉ. सिंह को विभागाध्यक्ष बनाया गया है। वर्तमान विभागाध्यक्ष डॉ. सीपी सिंह का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो रहा है।