टीएमबीयू के छात्रों को मिलेगी सिक्यूरिटी युक्त डिग्रिया
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय अब अपने स्टूडेंट्स को सिक्यूरिटी युक्त डिग्रिया बाटेगा। इस
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय अब अपने स्टूडेंट्स को सिक्यूरिटी युक्त डिग्रिया बाटेगा। इसमें 14 प्रकार के सिक्योरिटी फीचर्स होंगे। इस व्यवस्था से डिग्रियों में काट-छाट, छेड़छाड़ और फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। जुलाई के अंत में होने वाले दीक्षात समारोह में आधुनिक क्वालिटी वाली डिग्रिया ही बाटी जाएंगी। इस प्रकार की डिग्रिया बाटने वाला तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय होगा। नई डिग्रियों की छपाई भी शुरू हो चुकी है। तिमांविवि की डिग्रियों में अब हाई सिक्योरिटी फीचर्स होंगे। इसी सत्र से सिक्यूरिटी लगी डिग्रिया छात्रों को बाटेगा।
विवि ने इस बार की डिग्रियों में सिक्यूरिटी को जोड़ा है। इसके तहत उस चिप में छात्र की पूरी डिटेल होगी। ऐसे में जब भी डिग्री को स्कैन या मशीन के माध्यम से रीड किया जाएगा, वह छात्र की पूरी डिटेल बता देगा। ऐसे में आमतौर पर फोटोकॉपी कराकर डिग्रियों की क्लोनिंग करने और फर्जीवाड़ा पर रोक लगेगी। विवि ने सिक्यूरिटी युक्त डिग्री की छपाई शुरू करा दी है।
14 तरह के सिक्योरिटी फीचर्स होंगे डिग्रियों में
इससत्र से मिलने वाली डिग्रियों में 14 तरह के हिडन सिक्योरिटी फीचर्स होंगे। इसमें वाटर प्रुफिंग सिस्टम भी होगा। टेसलीन पेपर होने के कारण पानी में भीगने पर भी डिग्री को नुकसान नहीं होगा। डिग्री को जलाने का प्रयास करने के बाद भी जलेगा नहीं। सर्टिफिकेट की कॉपी नहीं हो सकेगी। बारकोडिंग के कारण अगर किसी ने कॉपी करने का प्रयास किया तो उसपर कॉपी लिखा जाएगा। मल्टी कलर होगा। विवि के कुलपति प्रो. नलिनी कांत झा ने बताया कि छात्रों को हाई सिक्योरिटी फीचर्स वाली डिग्री तोहफे में दी जाएगी। छात्रों के भविष्य को देखते हुए नई किस्म की सिक्यूरिटी युक्त डिग्री तैयार करने के आदेश दिए गए।
15 हजार सर्टिफिकेट लौटाए गए
गलत सर्टिफिकेट छाप दिए जाने के कारण तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे वापस कर दिया है। विवि के अधिकारी का कहना है कि सर्टिफिकेट पर परीक्षा नियंत्रक का हस्ताक्षर नहीं होता है, लेकिन ऐसा था। वहीं दूसरी ओर विवि से जुड़े लोगों का कहना है कि डिग्री में प्रमाण पत्रम और यूनिवर्सिटी में आइ छूट गया था। इस कारण डिग्री को लौटाया गया है। कुलपति डॉ. झा ने बताया कि 80 रुपये प्रति डिग्री के हिसाब से नई डिग्री की खरीदारी हो रही है। परचेज कमेटी ने सौ रुपये कीमत तय किया था। अन्य विवि में इसी डिग्री को 140 रुपये की दर से खरीदारी हो रही है। उन्होंने कहा कि जो डिग्री छात्र न तो अपने पास रख सके और न ही दिखा सके उसे देने से क्या फायदा है। नई डिग्री छात्रों को बेहतर महसूस कराएगा।