मौत के करीब गोसाई को मिली जिंदगी, आप भी नहीं करें ऐसी लापरवाही
कोसी क्षेत्र के लोगों के गर्दन व अन्य भागों में हो रहा ग्वाईटर। पाटलीपुत्र अस्पताल में कई मरीजों का ऑपरेशन कर किया गया है ठीक। डॉ.संतोष कुमार ने कहा लापरवाही से बढ़ती है बीमारी। शुरूआती दौर में इलाज से नहीं होती अधिक परेशानी।
जागरण संवाददाता, मधेपुरा। कोसी क्षेत्र में थायराइड व कैंसर की बीमारी बढ़ रही है। सरायगढ़, सुपौल के चांदपीपर निवासी गोसाई ठाकुर (61 वर्ष) पिछले 25 साल से ब्रांचल चेस्ट नामक बीमारी से परेशान थे। उनके गर्दन पर काफी बड़ा गांठ हो गया था। स्थिति भयावह हो गई थी। पिछले तीन साल से तो लगातार इजाफा हो रहा था। इलाज के लिए दरभंगा ले जाया गया। लेकिन वहां चिकित्सक ने सर्जरी यह कहकर इंकार कर दिया कि ऑपरेशन के बाद इनकी आवाज जा सकती है। अनहोनी भी हो सकती है। हारकर स्वजनों ने गोसाई को घर वापस ले आए। बचने की उम्मीद भी क्षीण हो गई थी। बाइ में मधेपुरा मेडिकल कॉलेज के समीप पाटलीपुत्र अस्पताल में लाया गया। यहां डॉ.संतोष कुमार ने जांच कर इलाज को तैयार हुए। करीब चार घंटे के लंबे ऑपरेशन किया गया। उसके बाद उनके गर्दन से ग्वाईटर को हटाया गया। वर्तमान में गोसाई बिल्कुल ठीक है।
डॉ.संतोष ने बताया कि इस क्षेत्र में इस प्रकार की बीमारी तेजी से फैल रहा है। लोग लापरवाही के कारण शुरूआती दौर में नजर अंदाज कर देते हैं। फलाफल बीमारी बढ़ जाती है। ऐसे में इलाज मुश्किल हो जाता है। अगर तीन माह और देर हो जाता तो काफी दिक्कत होती। वहीं गोसाई के पत्नी शकुतंला देवी व दामाद विद्यानंद मंडल ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से तो स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। कोई चिकित्सक इलाज के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन यहां पाटलीपुत्र अस्पताल में इलाज ही नहीं बल्कि सर्जरी कर मरीज को स्वस्थ्य कर दिया गया। चिकित्सक ने बताया कि स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि कुछ दिन बाद हाथ सडऩा शुरू हो जाता। असर सीने तक पहुंच चुका था। फिलहाल मरीज स्वस्थ्य व बिल्कुल ठीक है। कोसी क्षेत्र में कैंसर व थायराइड की बीमारी अधिक हो रही है। क्षेत्र में लोगों ने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की है कि इसके निदान के उपाय किए जाएं।