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आरआरबी एनटीपीसी: पटना में पकड़े गए चार में से तीन छात्र लखीसराय के, पूछताछ में खान सर से आंदोलन का जुड़ा कनेक्‍शन

RRB NTPC Student Protest आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन मामले में प्रशासन की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पटना पुलिस ने जिन चार छात्रों को गिरफ्तार किया है उसमें से तीन लखीसराय जिले के रहने वाले हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 10:50 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 10:50 AM (IST)
आरआरबी एनटीपीसी: पटना में पकड़े गए चार में से तीन छात्र लखीसराय के, पूछताछ में खान सर से आंदोलन का जुड़ा कनेक्‍शन
RRB NTPC Student Protest: आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा को लेकर प्रदर्शन। फोटो- गूगल।

आनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। RRB NTPC Student Protest: रेलवे भर्ती बोर्ड (Railway Recruitment Board) के नन टेक्‍न‍िकल पापुलर कैटेगरी (Non Technical Popular Category) यानी एनटीपीसी (NTPC) परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर बिहार के कई जिलों में प्रदर्शन जारी है। प्रशासन की ओर से इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पटना में जिन चार छात्रों को पकड़ा गया है, उसमें से तीन लखीसराय के रहने वाले हैं। इन लोगों से पत्रकार नगर थाने में पूछताछ हो रही है। छात्रों ने पटना वाले खान सर (Khan sir) का नाम लिया है।  

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वहीं, लखीसराय के जिन तीन छात्रों को पकड़ा गया है।  ये सभी मूलरूप से लखीसराय के रहने वाले हैं। पटना में रह कर रेलवे की परीक्षा के लिए तैयारी करते थे। तीनों छात्रों को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। 

खान सर के अलावा कई और शिक्षकों पर दर्ज किया गया है केस 

प्रशासन की ओर से पटना वाले खान सर के अलावा कई और शिक्षकों पर भी केस दर्ज किया है। इन लोगों पर सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में पकड़े गए छात्रों के बयान पर केस दर्ज किया गया है। 

रेलवे के निर्णय से छात्रों का कम हो रहा आक्रोश 

पिछले तीन से चार दिनों से जारी आंदोलन के बाद रेलवे बोर्ड के निर्णय से छात्रों का आक्रोश कम हो रहा है। बोर्ड की ओर से कमेटी का गठन किया गया है। भागलपुर में रह कर रेलवे की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र रोहित, मोनू समेत कई छात्रों ने जागरण से बातचीत के दौरान बताया कि उन्‍हें रेलवे बोर्ड पर पूरा भरोसा है। बोर्ड की ओर से अगर समय रहते इस तरह की पहल की गई होती तो ये नौबत ही नई आती। साथ ही छात्रों का कहना है कि तीन साल बाद ग्रुप डी की परीक्षा में सीबीटी-2 को लाना कही से सही नहीं है। इस निर्णय पर रेलवे बोर्ड को विचार करने की जरूरत है। 


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