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तीन सुखद संयोग आज : पति की दृर्घायु के लिए महिलाएं वट वृक्ष की करेंगी पूजा, शनि मंदिर होगा दीपों से जगमग, सूर्य ग्रहण का भागलपुर में नहीं दिखेगा असर

आज वट सावित्री है। महिला पति की दृर्घायु के लिए वट वृक्षा की पूजा करेंगे। साथ ही आज शनि जयंती भी है। शनि मंदिरों में दीप जगमग करेंगे। इसके लिए शहर के सभी शनि मंदिरों में विशेष तैयारी की गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 07:45 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 07:45 AM (IST)
तीन सुखद संयोग आज : पति की दृर्घायु के लिए महिलाएं वट वृक्ष की करेंगी पूजा, शनि मंदिर होगा दीपों से जगमग, सूर्य ग्रहण का भागलपुर में नहीं दिखेगा असर
आज वट सावित्री है। महिला पति की दृर्घायु के लिए वट वृक्षा की पूजा करेंगे।

 संवाद सहयोगी, भागलपुर। आज का गुरुवार बहुत खास है। पति की लंबी आयु की कामना के लिए वटसावित्री व्रत, शनि जयंती और वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण एक साथ होगा। ज्येष्ठ मास की अमावश्या तिथि भी आज ही है। इतना ही नहीं तीन ग्रहों का संयोग इसे और भी शुभ बना रहा है। अमावस्या का प्रवेश सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। चंद्रमा अपनी उच्च वृष राशि में होगा। सूर्योदय के समय बुधादित्य योग शुभता प्रदान करेगा।

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सोलह शृंगार करेंगी सुहागिनें

अखंड सौभाग्य, संतान प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत करेंगी । इस बार अमावस्या तिथि आज यानी 9 जून दिन बुधवार को दोपहर 01:57 बजे से आरंभ होगी। समापन 10 जून को शाम 04:20 बजे होगा। ऐसे में सुहागिन वट सावित्री की पूजा और व्रत दोनों 10 जून को ही करेंगी। अगले दिन यानी 11 जून को पारण होगा। उदया तिथि को व्रत रखना उत्तम एवं शुभ फलदायी होता है ।

मेहंदी का विशेष क्रेज

वटसावित्री पर मेहंदी लगाने की विशेष परंपरा है। नई बहुओं में तो इस व्रत का क्रेज देखते ही बनता है। हाथों में भरी-भरी चूडिय़ों के साथ खूबसूरत डिजाइन वाली मेहंदी शंृगार में चार चांद लगा देती है। मेहंदी लगाने की परंपरा बेहद पुरानी है। जो आज भी चली आ रही है। इसे सोलह शंृगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। करवा चौथ हो या फिर वट सावित्री का व्रत, मेहंदी लगाना बेहद शुभ माना जाता है।

शनि जयंती पर आयोजन

शनि जयंती को लेकर शनि देव का श्रद्धालु पूजा अर्चना करेंगे। आज शनि देव की पूजा करने से शनि की कृपा बनी रहती है। स्टेशन चौक स्थित प्राचीन शनि मंदिर के पुजारी परमेश्वरानंद बाबा ने बताया कि शनि देव महाराज का भव्य शंृगार, पूजन, शनि चालीसा का पाठ भोग और 108 दीप जलाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शनि देव की पूजा अर्चना व्रत करने से शनि का दोष समाप्त हो जाता है। सूर्य पुत्र शनिदेव न्याय के देवता हैं। अपने कर्मों के अनुसार मनुष्य को फल देते हैं। किसी के साथ अन्याय नहीं करते हैं। कोरोना गाइडलाइन के अनुसार बाहरी लोगों का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा।

सूर्य ग्रहण का असर नहीं

वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण भी आज ही होगा। भारत में यह दिखाई नहीं देगा। इस कारण इसका सूतक नहीं लगेगा। व्रत त्योहार पूजा-पाठ पर ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होगा। किसी राशि पर भी ग्रहण का असर नहीं होगा। वट सावित्री व्रत करने में सूर्य ग्रहण को लेकर कुछ लोगों के बीच उहापोह की स्थिति बनी हुई है। लेकिन पंडितों से शास्त्रों के अनुसार ग्रहण का कोई दोष नहीं लगने की बात कही है।


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