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तीन पीढ़ी से 'स्वस्थ्य खगड़िया, सुंदर खगड़िया' के सपने को कर रहे हैं साकार

सुबह-शाम दो सौ युवा वेट लि¨फ्टग, पावर लि¨फ्टग, बॉडी बि¨ल्डग, कुश्ती, योग आदि का करते हैं अभ्यास ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 03:14 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 03:14 PM (IST)
तीन पीढ़ी से 'स्वस्थ्य खगड़िया, सुंदर खगड़िया' के सपने को कर रहे हैं साकार
तीन पीढ़ी से 'स्वस्थ्य खगड़िया, सुंदर खगड़िया' के सपने को कर रहे हैं साकार

खगड़िया (निर्भय) : फरकिया के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है गुरु बद्दूलाल व्यायामशाला। इसकी स्थापना गुरु छोटेलाल ने अपने गुरु बद्दूलाल जी के नाम पर वर्ष 1903 में की थी। व्यायामशाला से थोड़ी दूर हटकर बूढ़ी गंडक नदी प्रवाहित होती है। व्यायामशाला और बूढ़ी गंडक के बीच दीवार के रूप में शहर सुरक्षा तटबंध है। 1903 से लेकर आज तक बूढ़ी गंडक की तरह ही यह व्यायामशाला भी प्रवाहमान है। जिस तरह नदी का प्रवाह नहीं रुका है उसी तरह यहां भी व्यायाम सिखाना एक दिन भी बंद नहीं हुआ है। वर्ष 1987 की प्रलयंकारी बाढ़ में भी यहां सुबह-शाम योग-व्यायाम सिखाना जारी रहा। आज भी सुबह-शाम दो सौ युवा वेट लि¨फ्टग, पावर लि¨फ्टग, बॉडी बि¨ल्डग, कुश्ती, योग आदि का अभ्यास करते हैं।

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कई महापुरुष यहां आ चुके हैं

गुरु बद्दूलाल व्यायामशाला में कई महापुरुष पधार चुके हैं। वर्तमान व्यायामाचार्य महेंद्र त्यागी ने बताया कि वर्ष 1926 में देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी यहां आए। इसी वर्ष बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण ¨सह का भी यहां आगमन हुआ। जबकि प्रसिद्ध आर्यसमाजी नारायण स्वामी क्रांतिकारी, जननायक कर्पूरी ठाकुर, शमशेर जंग बहादुर ¨सह भी यहां आ चुके हैं। आजादी की लड़ाई में इस व्यायामशाला की अहम भूमिका रही। गुरु छोटेलाल जी, गुरु शांति प्रकाश जी दोनों ने जेल यात्रा की।

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सामाजिक कार्यों में भी है भूमिका

यहां योग-व्यायाम सिखने वाले युवाओं से मात्र दस रुपये शुल्क लिए जाते हैं। परंतु, व्यायामशाला सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भूमिका निभाती है। वर्ष 1987 की प्रलयंकारी बाढ़ में जब खगड़िया शहर समेत संपूर्ण जिला डूब चुका था, तो व्यायामशाला ने बड़े पैमाने पर राहत कार्य चलाया। तत्कालीन व्यायामाचार्य गुरु शांति प्रकाश के नेतृत्व में युवाओं ने दूर-दूर जाकर बाढ़ पीड़ितों की मदद की। कारगिल युद्ध के समय व्यायामशाला के छात्रों ने रक्तदान किया। वर्ष 1907 की भयानक बाढ़ में भी बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत कार्य चलाया गया।

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कोट

' स्वस्थ्य समाज का निर्माण तभी होगा जब शरीर स्वस्थ रहेगा। योग-व्यायाम जीवन जीने की कला है। तीन पीढि़यों से योग-व्यायाम की परंपरा को ¨जदा रखे हुए हूं। 'स्वस्थ्य खगड़िया, सुंदर खगड़िया' के सपने को साकार करना है।'

महेंद्र त्यागी, व्यायामाचार्य, गुरु बद्दूलाल व्यायामशाला, खगड़िया।


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