काली प्रतिमा विसर्जन के दौरान तालाब में डूबने से एक ही परिवार के तीन बच्चे की मौत Bhagalpur News
सोनूडीह गांव में मां काली की प्रतिमा का विसर्जन जुलूस निकाला गया था। इससे पहले देवानंद गुलशन और अतुल गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर पूर्णिया पोखर स्नान करने गए थे।
भागलपुर [जेएनएन]। गोराडीह थाना क्षेत्र के सोनूडीह गांव में बुधवार को प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक ही परिवार के तीन बच्चे की तालाब में डूबने से मौत हो गई। मृतकों में जागेश्वर बिंद के दो नाती 10 वर्षीय देवानंद व 12 वर्षीय गुलशन और एक पोता 10 वर्षीय अतुल कुमार शामिल है। देवानंद और गुलशन बांका के ललसहिया के रहने वाले हैं। ग्रामीणों के सहयोग से तीनों का शव तालाब से बाहर निकाल लिया गया है।
सोनूडीह गांव में मां काली की प्रतिमा का विसर्जन जुलूस बुधवार को निकाला गया था। इससे पहले गांव के बच्चों के साथ देवानंद, गुलशन और अतुल गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर पूर्णिया पोखर स्नान करने गए थे। प्रतिमा का भी यही विसर्जन होना था। जब प्रतिमा जुलूस यहां पहुंची तो लोगों ने देखा कि तीनों का कपड़ा वहां पड़ा था, लेकिन बच्चे वहां नहीं थे। इसी दौरान लोगों ने एक बच्चे का शव तालाब में देखा। इसके बाद लोग तालाब में उतरे और तीनों बच्चे का शव तालाब से बाहर निकाला। शव को बाहर निकालने के बाद लोगों ने इसकी सूचना परिजनों को दी। आनन-फानन में परिजन तीनों को लेकर जगदीशपुर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद तीनों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन तीनों बच्चों का शव लेकर भागलपुर निकल गए। थानाध्यक्ष मो. दिलशाद ने बताया कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान तीनों बच्चे आगे बढ़कर तालाब में स्थान करने चले गए थे। इसी दौरान हादसा हुआ।
काली पूजा मनाने नानी घर आए थे गुलशन और अतुल
पोलो मंडल का पुत्र गुलशन और रंजीत बिंद का पुत्र अतुल बांका जिले के धनकुंड थाना के ललसहिया गांव का रहने वाला है। दोनों काली पूजा मनाने के लिए जगदीशपुर के सोनूडीह स्थित अपने ननिहाल आए थे। सोनूडीह में हर साल मां काली की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस बार भी गांव में मां काली की प्रतिमा स्थापित की गई थी। प्रतिमा का विसर्जन गांव से डेढ़ किमी दूूर पूर्णिया तालाब में किया जाता है। बुधवार को प्रतिमा का विसर्जन किया जाना था। इसके पहले गांव में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्र के बाद लोग प्रतिमा को विसर्जित करने तालाब पर पहुंचे थे। इसी दौरान बच्चे कुछ आगे बढ़ गए थे और कपड़े उतार कर स्थन करने चले गए थे।