बांका जिले आंगनबाड़ी केंद्रों पर टोकन प्रणाली से होगा टीएचआर का वितरण
बांका जिले के 2350 आंगनबाडी केंद्रों के दो लाख छह हजार आठ सौ लोगों कोअब टीएचआर का वितरण डीबीटी के बजाय टोकन प्रणाली से किया जाएगा। डीपीओ ने सभी सीडीपीओ को 30 नवंबर तक आंगन एप पर सौ फीसद सत्यापन कराने का दिया निर्देश। जल्द
बांका, जेएनएन। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से शून्य से छह वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को टीएचआर दिया जाता है। कोरोना काल में लोगों को इसका लाभ मिलता रहे इसके लिए डीबीटी के माध्यम से लाभुकों के खाते में टीएचआर की राशि भेजी जा रही थी। अब एक दिसंबर से इन नियम में बदलाव कर टोकन प्रणाली से टीएचआर का वितरण होगा।
डीबीटी नियमों में हुआ बदलाव
आईसीडीएस डीपीओ रिफत अंसारी ने बताया कि आंगनबाड़ी के माध्यम से शून्य से छह वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं, कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों को पूरक पोषाहार के साथ ही कई तरह की सुविधाएं ग्रामीण स्तर पर दी जाती है। कोरोना के समय में स्कूल के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया था। ऐसे समय में लाभुकों को इसका लाभ मिलता रहे इसके लिए डीबीटी के माध्यम से उन्हें टीएचआर के समतुल्य राशि दी जा रही थी। वहीं, सरकार द्वारा एक बार फिर से नियमों में बदलाव किया गया है। अब टोकन प्रणाली से टीएचआर का वितरण किया जाएगा।
आंगन एप पर सेविका स्तर से सौ फीसद होगा सत्यापन
विभागीय निर्देश के बाद सभी सीडीपीओ को 30 नवंबर तक आंगन एप पर सौ फीसद सत्यापन सेविका स्तर से कराने का निर्देश दिया गया है। वहीं आंगन एप पर सत्यापति लाभार्थी के अनुसार ही टीएचआर पंजी तैयार करने एवं उसमें एक अतिरिक्त कॉलम लाभार्थी का ओटीपी को जोडऩे का निर्देश दिया गया है। ताकि टोकन प्रणाली द्वारा पोषाहार वितरण में किसी भी प्रकार की परेशानी न हों।
दो लाख लाभुकों को मिल रहा लाभ
बांका जिले में कुल 2350 आंगनबाडी केंद्रों के दो लाख छह हजार आठ सौ लोगों को टीएचआर योजना का लाभ मिल रहा है। इसमें कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चे 94 हजार एवं छ माह से छह वर्ष के 94 हजार इसके साथ ही 18 हजार आठ सौ गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को टीएचआर योजना का लाभ दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि निदेशालय द्वारा सभी लाभुकों के मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजकर उसका सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद ही उन्हें टीएचआर दिया जएगा। इसको लेकर सेविका और सहायिकाओं को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।