Khagadiya: कोसी और काली कोसी में फिर समा गई हजारों एकड़ में लगी फसल, इन प्रखंडों के किसान तबाह
खगडिय़ा में कोसी नदी का कहर इस साल दूसरी बार है। इससे पहले भी यहां की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है।
खगडिय़ा [भवेश]। दो माह से बेलदौर प्रखंड बाढ़ की चपेट में है। कोसी और काली कोसी की बाढ़ से व्यापक नुकसान हुआ है। किसानों की कमर टूट गई है। कोसी का पानी बढ़कर अभी स्थिर है। स्थिति यथावत है। खेत- खलिहान जलमग्न है। जिसका असर रबी की खेती पर पडऩा तय है। मालूम हो कि एक बार बाढ़ आकर चली गई। दुबारा बाढ़ आने से किसान हतप्रभ हैं।
एक माह पूर्व प्रखंड कृषि कार्यालय की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार सात हजार एक सौ 12 हेक्टेयर में लगी धान, मक्का, चारा और सब्जी की फसल बाढ़ से नष्ट हुई। लेकिन अब तक किसानों को फसल क्षति मुआवजा नहीं मिला है। अभी तक किसानों से आवेदन लेने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाई है।
फसल क्षति पूर्ति देने में बेलदौर फिसड्डी
विभागीय अधिकारियों और कर्मियों की लापरवाही के कारण बेलदौर में किसानों को फसल क्षतिपूर्ति समय पर नहीं मिल पाती है। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। इससे पूर्व आंधी- बारिश से मक्का फसल क्षतिपूर्ति भी आधे से अधिक किसानों को नहीं मिल पाई। फैलिन चक्रवात से प्रभावित किसानों को सात वर्ष बाद भी फसल क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिल पाई है। 2014 में फैलिन चक्रवात तूफान से धान की फसल नष्ट हो गई थी। किसानों को क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने 17 लाख रुपये प्रखंड कार्यालय बेलदौर को उपलब्ध कराया था। लेकिन महज पांच पंचायतों के किसानों के बीच फसल क्षतिपूर्ति राशि वितरित हो पाई। अभी भी 11 पंचायत के किसान टकटकी लगाए हुए हैं। 2017 की बाढ़ में हुई फसल क्षतिपूर्ति राशि अभी भी 40 प्रतिशत किसानों को नहीं मिल पाई है।
वहीं, कृषि समन्वयक ब्रजेश कुमार ब्रजेश ने बताया कि एक माह पूर्व बाढ़ से हुई खरीफ फसल क्षति की रिपोर्ट भेजी गई थी। लेकिन अभी तक मुआवजा देने को लेकर कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। आवंटन के अभाव में कुछ किसानों को मक्का फसल क्षतिपूर्ति की राशि नहीं भेजी गई थी, जो अब भेजी जा रही है। फैलिन चक्रवात तूफान से फसल क्षतिपूर्ति और 2017 की बाढ़ में हुई फसल क्षतिपूर्ति का जवाब प्रखंड कार्यालय से ही मिला सकता है।