मौसम ने दिया साथ... इस बार गेहूं-मक्का और सरसों की होगी बंपर पैदावार, सिंचाई के समय इन बातों का रखें ध्यान
इस बार किसानों को मौसम ने भरपूर साथ दिया। इससे गेहू मक्का और सरकसों की बंपर पैदावार की उम्मीद है। खगडिया केविके के विज्ञानियों की माने तो गेहूं की फसल के लिए ज्यादा तापमान की जरूरत नहीं पडती है।
जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। खगडिय़ा कृषि प्रधान जिला है। यहां मुख्य रूप से गेहूं, मक्का की खेती होती है। थोड़ी बहुत दलहन की खेती भी की जाती है। लोगों की आर्थिकी का मूल आधार गेहूं और मक्का की खेती है।
मक्का उत्पादन में भारत में खगडिय़ा का स्थान है। वर्तमान में कंपकंपाती ठंड से आमजन को जो परेशानी हो, लेकिन यह मौसम कृषकों के लिए अनुकूल है। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार गेहूं, मक्का और सरसों आदि के लिए मौसम अनुकूल है। जिले में हजारों हेक्टेयर में गेहूं और मक्का की खेती की गई है। मक्का की इस बार वाजिब कीमत नहीं मिलने से कई किसानों ने इसके बदले गेहूं की बुआई की है।
गेहूं की फसल के लिए अच्छा नहीं होता ज्यादा तापमान
किसानों की माने तो ठंड जितनी अधिक होगी, गेहूं की फसल के लिए उतना ही अच्छा होगा। ज्यादा तापमान गेहूं की फसल के लिए अच्छा नहीं होता है। गेहूं और मक्का की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है। फसल को देखकर किसान खुश हैं। इस बार सबसे अच्छी बात ये रही कि मौसम ने भरपूर साथ दिया। इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र खगडिय़ा के विज्ञानी डॉ जितेंद्र कुमार ने बताया कि आलू को छोड़कर गेहूं, मक्का, सरसों आदि के लिए यह मौसम अनुकूल है। जिन किसानों ने गेहूं और मक्का की ङ्क्षसचाई नहीं की है, वे खेतों की हल्की ङ्क्षसचाई करें। ङ्क्षसचाई बाद यूरिया डालें। सरसों के किसान लाही से बचाव को लेकर फसल पर कीटनाशक का स्प्रे करें।
रबी के मौसम में फसलों का अच्छादन
रबी के मौसम में गेहूं और मक्का की जमकर खेती हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि सबसे अधिक मक्का की खेती हुई है। दलहन मेें सबसे अधिक मटर की 1720 हेक्टेयर और सबसे कम चना की 525 हेक्टेयर खेती हुई है।
फसल अच्छादन
मक्का 50 हजार हेक्टेयर
गेहूं 42 हजार हेक्टेयर
तेलहन 3,250 हेक्टेयर
दलहन 5,015 हजार हेक्टेयर