पेड़ों में मंजर देख गदगद दिख रहे किसान, यहां बागान की खरीदारी के लिए पहुंचने लगे व्यापारी
सुपौल के आम उत्पादक किसान इस बार गदगद हैं। उन्हें आशा है कि ओलावृष्टि तेज हवा व लाही रोग नहीं लगा तो आम की अच्छी पैदावार होगी। इसको लेकर किसान आम मंजर बचाने के लिए दवा का छिड़काव कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सुपौल। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव में आम के पेड़ में मंजर लगने से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं, उन्हें आशा है कि ओलावृष्टि, तेज हवा व लाही रोग नहीं लगा तो आम की अच्छी पैदावार होगी। इसको लेकर किसान आम मंजर बचाने के लिए दवा का छिड़काव कर रहे हैं। किसान प्रभु कुमार प्रभाकर, त्रिभुवन कुमार यादव, रामचंद्र मेहता, शंभू कुमार निराला, कामेश्वर यादव आदि ने बताया कि बीते वर्ष आम में ज्यादा फल नहीं लगा था, इसलिए आम काफी महंगा बिका। इस बार मंजर देख कर लगता है कि फल ज्यादा लगेगा।
महंगाई के बावजूद आम सस्ता होने का अंदाजा सभी किसान लगा रहे हैं। इलाके में बंबईया, जलभरी, आम्रपाली, मालदह सहित अन्य आम के पेड़ों की भरमार है। किसान अपने खेत खलिहान में आम के पेड़ लगाते हैं। कई स्थानों से आम का बागान के खरीदार फल का अंदाजा लगा खरीदारी के लिए आने लगे हैं। व्यापारियों का कहना है कि मंजर देखकर लगता है कि इस बार ज्यादा फल लगने की उम्मीद है। बड़े-बुजुर्गों की मानें तो जिस वक्त आम के पेड़ों में मंजर ज्यादा आता है उस वर्ष आंधी-तूफान ज्यादा आने की संभावना रहती है।
कहते हैं पौधा संरक्षण पदाधिकारी
जिला पौधा संरक्षण पदाधिकारी विजय कुमार ने कहा कि आम के पेड़ में मंजर निकलने के समय बचाने के लिए किसानों को तीन तरह का छिड़काव करना है। इमिडाक्लेएप्रिड दवा एक मिलीलीटर तीन लीटर पानी में छिड़काव करना चाहिए और डायमेथोएट दवा दो मिलीलीटर तीन लीटर और मालाथियॉन दवा 1.5 मिलीलीटर प्रति एक लीटर पानी में छिड़काव करना चाहिए। एसीफेट 1 ग्राम प्रति 1 लीटर पानी में छिड़काव करना चाहिए। दूसरा फफूंदनाशक के तौर पर घुलनशील सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में काबेडाजिम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में छिड़काव करना चाहिए। हार्मोन नैफथलीन एसेटिक एसीड, 4 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी में छिड़काव करना चाहिए। अगर किसान सही समय पर दवा का छिड़काव करते हैं तो यह काफी फायदेमंद हो सकता है।