अब कहलगांव बिजलीघर में तीन मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र का भी होगा, पूर्वी क्षेत्र बना पहला केंद्र
कहलगांव के बिजली घर में अब तीन मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट का कमीशन कर दिया गया है। इसमें 12800 सौर पैनल लगाए गए हैं। अब यहां से तीन मेगावाट के सोलर प्लांट से प्रति वर्ष 6.37 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। एनटीपीसी लिमिटेड के कहलगांव बिजलीघर में तीन मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट को सफलतापूर्वक कमीशन किया गया। यह प्लांट वर्त्तमान मे कहलगांव बिजलीघर के प्लांट परिसर में स्थित है। सोलर प्लांट में 12800 सौर पैनल लगाए गए हैं। यह बिजलीघर के 16 एकड़ भूमि में फैला है। सौर संयंत्र का उद्घाटन कार्यकारी निदेशक (कहलगांव) चंदन चक्रवर्ती ने कार्यकारी निदेशक वी सुदर्शन बाबू, जीएम (ओएंडएम) अरिंदम सिन्हा, जीएम (मेंटेनेंस) बीपुल चक्रवर्ती, जीएम (प्रचालन) जी.एस.राव, जीएम (एफएम) एस.के.साहा, जीएम (ईएमडी) चिनमोय सरकार एवं वरिष्ठ अधिकारियों, यूनियनों और एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और एनटीपीसी कहलगांव के कर्मचारियों की उपस्थिति में किया गया।
सौर संयंत्र चालू होते ही कहलगांव पूर्वी क्षेत्र-एक का एकमात्र स्टेशन बन गया, जिसमें कोयला ऊर्जा उत्पादन के साथ साथ सौर ऊर्जा का भी उत्पादन आरंभ हुआ। स्वच्छ और हरित ऊर्जा की ओर बढ़ने के महत्व को देखते हुए, एनटीपीसी अक्षय ऊर्जा स्रोतों की महत्वपूर्ण क्षमताओं को जोड़कर अपने ऊर्जा पोर्टफोलियो को बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रहा है। वर्ष 2032 तक एनटीपीसी अक्षय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से न्यूनतम 32000 मेगावाट क्षमता रखने की योजना है। जो कंपनी की कुल बिजली उत्पादन क्षमता का लगभग पच्चीस प्रतिशत है।
तीन मेगावाट के सोलर प्लांट से प्रति वर्ष 6.37 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। सोलर प्लांट एनटीपीसी कहलगांव के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में भी मदद करेगा। तीन मेगावाट सोलर प्लांट के चालू होने के कारण कार्बन फुटप्रिंट में प्रति वर्ष 6400 मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के बराबर है, जो 25 वर्षों में 160000 मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के बराबर है।
बिजली उत्पादन के लिए कहलगांव का एनटीपीसी जाना जाता है। इसके अलावा एनटीपीसी कई सामाजिक कार्यों से भी जुड़ रहता है। वहीं, एनटीपीसी के कुछ गांवों को गोद लिया है, जिससे उस गावं का विकास हो सके। इसके अलावा इसका एक भव्य गेस्ट हाउस है, जहां बड़े नेता अधिकारी और राजनेता ठहरते हैं।